नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनावों में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों पर विराम लग गया है। दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि पार्टी ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई मौकों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की इच्छा जाहिर की थी।
इससे पहले दिल्ली में राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने AAP के साथ गठबंधन की संभावनाओं को लेकर एक बैठक की थी। इस बैठक में राहुल की बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। वहीं, कांग्रेस के ऐलान के बाद फिलहाल आम आदमी पार्टी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है। अब यह तय हो गया है कि दिल्ली में लोकसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला होगा जिसमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी।
इससे पहले ऐसी अटकलें आ रही थीं कि सूबे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है। कहा जा रहा था कि AAP 3, कांग्रेस 3 और एक निर्दलीय के फॉर्म्यूले पर दिल्ली में गठबंधन हो सकता है। हालांकि दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ राहुल की अहम बैठक के बाद साफ हो गया कि पार्टी का AAP के साथ गठबंधन का कोई इरादा नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस को लग रहा है कि केजरीवाल के साथ गठबंधन की सूरत में उसे ही नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसे में मैदान में अकेले उतरना बेहतर रहेगा।