लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने जब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया तो उनके कुछ समर्थकों में मायूसी छा गई। हालांकि इस ऐलान के बाद उन्होंने एक ट्वीट भी किया, जिसे इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी माना जा रहा है। इस ट्वीट को देखकर साफ पता चलता है कि मायावती ने भले ही लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अपने पत्ते अभी भी खुले ही रखे हैं। मायावती ने कहा है कि उनके चुनाव न लड़ने के फैसले से समर्थकों को मायूस नहीं होना चाहिए।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट के जरिए कहा कि जब वह उत्तर प्रदेश कीम मुख्यमंत्री बनी थीं, तब भी प्रदेश के किसी सदन की सदस्य नहीं थीं। इस ट्वीट को मायावती के प्रधानमंत्री या केंद्र में मंत्री पद पर संभावित दावे के रूप में देखा जा रहा है। मायावती ने ट्वीट किया, ‘जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी। ठीक उसी प्रकार केन्द्र में भी पीएम/मंत्री को 6 माह के भीतर लोकसभा/राज्यसभा का सदस्य बनना होता है। इसीलिये अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिये।’
मायावती ने बुधवार को कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी बल्कि प्रदेश में गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दिलवाने में अपनी ऊर्जा लगाएंगी। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर वह कभी भी लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा और रालोद गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। बीएसपी 38, एसपी 37 और आरएलडी 3 सीटों पर मैदान में उतरेगी, जबकि अमेठी और रायबरेली की सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ा गया है।