नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है जहां भाजपा के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का बसपा के सतबीर नागर से सीधा मुकाबला होना है। नागर सपा-बसपा- रालोद गठबंधन के प्रत्याशी हैं। महागठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार नागर को आम आदमी पार्टी का भी समर्थन प्राप्त है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस सीट से डॉक्टर अरविंद सिंह को मैदान में उतारा है। हालांकि, अरविंद सिंह पर पैराशूट उम्मीदवार होने का ठप्पा लगा है और उन्हें टिकट मिलने पर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने भी नाराजगी जताई। पार्टी के स्थानीय नेता सिंह के प्रचार-प्रसार से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि देश के 91 लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है। इनमें गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट भी शामिल है। 2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ. शर्मा ने ढाई लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। राजनीति के जानकारों का कहना है कि यहां के जातिगत और क्षेत्रीय आंकड़े इस बार चुनाव पर विपरीत असर डाल सकते हैं। उनका कहना है कि इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा को सपा-बसपा- रालोद गठबंधन के प्रत्याशी से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।
इस चुनाव में जहां गठबंधन के प्रत्याशी गुर्जर वोटरों को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं वहीं सपा की टीम भी जी जान से उन्हें वोट दिलाने में जुटी है। इस मामले में कांग्रेसी उम्मीदवार अरविंद सिंह भी पीछे नहीं रहे। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 22 लाख है। 2014 के चुनाव के बाद यहां तीन लाख 11 हजार मतदाता और जुड़े हैं।
पिछले चुनाव में महेश शर्मा ने कुल वोटों का 50 प्रतिशत से ज्यादा हासिल किया था। उन्हें करीब 6 लाख वोट मिले थे। महेश शर्मा ने सपा के नरेंद्र भाटी को 2 लाख 80 हज़ार वोटों से शिकस्त दी थी। पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी को तीन लाख 20 हजार वोट मिले थे।
अगर गौतमबुद्ध नगर सीट पर जातीय वोटों के समीकरण की बात करें तो यह ठाकुर बहुल सीट है। यहां पर करीब साढे चार लाख ठाकुर मतदाता हैं। पौने चार लाख गुर्जर मतदाता और तीन लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी तीन लाख से ज्यादा है। ब्राह्मण मतदाता करीब तीन लाख, यादव मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख है।