![Congress MPs Ghulam Nabi Azad and Anand Sharma](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन से अलग रखे जाने के बाद कांग्रेस के नेता फिलहाल इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं, हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में अब अकेले चुनाव लड़ सकती है। वैसे, इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी तत्काल प्रतिक्रिया नहीं देगी और रविवार को लखनऊ में विस्तृत प्रतिक्रिया दी जाएगी। आजाद ने इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर और दूसरे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।
सपा-बसपा गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि रविवार को गुलाम नबी आजाद इस बारे में विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस करीब 20 लोकसभा सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ने का मन बना रही है जिनमें दो सीटें रायबरेली और अमेठी तथा आठ वो सीटें शामिल हैं जहां पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी।
कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि इन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस नेतृत्व सपा एवं बसपा के साथ परस्पर सहमति बनाने की कोशिश करेगा। आजाद तथा अन्य वरिष्ठ नेता अपनी पार्टी की रणनीति पर विचार विमर्श के लिए रविवार को लखनऊ पहुंच रहे हैं।
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि सपा-बसपा को कांग्रेस को साथ नहीं लेना विपक्षी एकजुटता एक झटका है और ऐसे में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा था कि समान विचार वाले सभी दलों का उद्देश्य देश से ‘कुशासन और तानाशाही’ को खत्म करना है, लेकिन सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में कांग्रेस की किसी भी तरह की उपेक्षा करना राजनीतिक रूप से ‘खतरनाक भूल’ होगी।