नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग द्वारा रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा। जिसमें एक ओर भाजपा फिर से सत्तारूढ़ होने का हरसंभव प्रयास करेगी, वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की भरसक कोशिश करेंगे। आयोग ने लोकसभा और चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम घोषित दिया है। इसके तहत सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 18 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जो कि 23 मई को मतगणना के बाद 27 मई को पूरी होगी। चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी जो मतदाताओं के ‘निर्णय’ को प्रभावित कर सके।
देखें LokSabha Election 2019 के सातों चरण की प्रमुख तिथियां-
अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 19 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। जबकि तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर 23 अप्रैल को प्रस्तावित मतदान की अधिसूचना 28 मार्च को जारी होगी। इसी तरह चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए दो अप्रैल को, पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर छह मई को होने वाले मतदान के लिए दस अप्रैल को, छठे चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर 12 मई को होने वाले मतदान के लिए 16 अप्रैल को और सातवें व अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान के लिए 22 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी।