पठानकोट: 1984 के सिख विरोधी दंगे के सैकड़ों पीड़ितों ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के दौरे के खिलाफ पंजाब के पठानकोट में प्रदर्शन किया। प्रियंका यहां पार्टी उम्मीदवार सुनील जाखड़ के पक्ष में प्रचार करने आई थीं। प्रदर्शनकारियों ने प्रियंका के दौरे का विरोध करने के लिए कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की 'हुआ तो हुआ' टिप्पणी पर सवाल खड़े किए, जिसे पित्रोदा ने 1984 की हिंसा के संदर्भ में कहा था। आपको बता दें कि पित्रोदा की इस टिप्पणी के बाद से सियासी पारा उबाल पर है।
प्रियंका गांधी के साथ जाखड़, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पार्टी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दिन पहले खन्ना कस्बे में एक रैली में कहा था कि उन्होंने पित्रोदा से कहा है कि वह अपनी टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगें। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जो लोग दंगे के दोषी हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। पित्रोदा के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी हमलावर रुख अपनाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुद्दे पर कांग्रेस पर अपना हमला तेज करते हुए कहा था कि राहुल गांधी को इस मामले में सैम पित्रोदा के बयान के लिए उनसे नाराजगी जताने का दिखावा करने के बजाय खुद इस पर शर्म आनी चाहिए। मोदी ने विभिन्न रैलियों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस 50 सीटें जीतने तक के लिए भी संघर्ष कर रही है क्योंकि कांग्रेस नेता कन्फ्यूज हैं और उनकी सोच बिखरी हुई (डिफ्यूज) है।’