भोपाल | मध्य प्रदेश के 29 संसदीय सीटों के लिए गुरुवार को 51 जिला मुख्यालयों पर मतगणना होगी। इस काम में 15 हजार कर्मचारी लगेंगे। मतगणना के जरिए कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांति लाल भूरिया, अरुण यादव, मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ और भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के भविष्य का फैसला होगा। कमलनाथ की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट का भी परिणाम आएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों की 51 जिला मुख्यालय पर मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी। कुल 311 मतगणना कक्ष बनाए गए हैं। मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों से होगी। डाक मतपत्रों की गणना शुरू होने के 30 मिनट बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गणना शुरू होगी। बयान के अनुसार, प्रत्येक मतगणना टेबिल पर एक-एक मतगणना सुपरवाइजर, एक सहायक, एक माइक्रो आब्जर्वर एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्त किया गया है। मतगणना कार्य के लिए कुल 15 हजार कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। मतगणना स्थलों पर अधिक डाक मतपत्र होने के कारण उनकी गणना के लिए आयोग से अनुमोदन के बाद अलग से 19 कक्ष बनाए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि ईवीएम मतों की गणना के लिए प्रदेश में कुल 292 कक्ष बनाए गए हैं। इनमें से 124 कक्ष में सात टेबल, 164 कक्ष में 14 टेबल एवं चार कक्ष में 21 टेबल (कटनी जिले में) लगाए गए हैं। डाक मतपत्रों की गणना के लिए बनाए गए 19 मतगणना कक्षों सहित कुल 311 कक्षों में कुल 3409 टेबल होंगे। शान्तिपूर्वक एवं पारदर्शी तरीके से मतगणना सम्पन्न कराने के लिए जिलों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।
आयोग के निर्देशानुसार, जिस मतगणना कक्ष में डाक मतपत्रों की गणना होगी, वहां ईवीएम में दर्ज मतों की गणना डाक मतपत्रों की गणना प्रारंभ होने के 30 मिनट बाद प्रारंभ की जाएगी। शेष मतगणना कक्षों में ईवीएम की मतगणना निर्धारित समय सुबह आठ बजे से प्रारंभ होगी। सभी ईवीएम की मतगणना पूर्ण होने के उपरान्त प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाएगी। इन पांच वीवीपैट की पर्चियों की गणना क्रमबद्घ तरीके से (एक के बाद एक) की जाएगी। बयान के अनुसार, मतगणना स्थल पर त्रिचक्रीय सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए समस्त मतगणना स्थल पर कुल 9000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मतगणना परिसर, स्ट्रांग रूम से मतगणना कक्ष तक ईवीएम के लाने-ले जाने वाले मार्ग एवं मतगणना कक्ष में कुल 1800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं मतगणना स्थल पर वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
राज्य का इस बार का चुनाव कई महत्वपूर्ण नेताओं के भविष्य को तय करने वाला होगा। भोपाल में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मुकाबला भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से हैं। वहीं खंडवा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान आमने-सामने हैं। इसके अलावा छिंदवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, सीधी से अजय सिंह, मुरैना से भाजपा के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों के अलावा छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी हुआ है। यहां से मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ दिसंबर में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे और उन्हें छह माह के भीतर विधायक निर्वाचित होना आवश्यक है। छिंदवाड़ा से दीपक सक्सेना ने विधायक पद से इस्तीफा देकर सीट कमलनाथ के लिए खाली की थी।