लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कांग्रेस को 'धोखेबाज' पार्टी कहे जाने और उनके खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले व्यक्ति को कांग्रेसी बताये जाने पर उच्चतम न्यायालय के वकील और कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मंगलवार को सवाल किया कि अगर कांग्रेस धोखेबाज पार्टी है तो सपा ने दस साल तक संप्रग सरकार का समर्थन क्यों किया।
विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा, ''अगर कांग्रेस धोखेबाज पार्टी है और उसने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के खिलाफ सीबीआई का दुरूपयोग किया तो सपा की ऐसी क्या मजबूरी थी कि उसने दस साल तक केन्द्र में कांग्रेस की सरकार का समर्थन किया।'' चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
अखिलेश ने 19 अप्रैल को यहां पार्टी कार्यालय पर संवाददाताओं से कहा था, ''वो कांग्रेस ही है, जिसने मेरे और नेता जी (मुलायम) के खिलाफ सीबीआई का दुरूपयोग किया। जिस व्यक्ति ने मेरे खिलाफ जनहित याचिका दायर की, वह कांग्रेसी है और (लखनऊ में) कांग्रेस प्रत्याशी (प्रमोद कृष्णम) के नामांकन के समय मौजूद था।'' अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेंस में हालांकि चतुर्वेदी का नाम नहीं लिया था।
इस बारे में पूछने पर चतुर्वेदी ने कहा, ''मैं अदालत में हलफनामा दाखिल करके कह चुका हूं कि मैंने 2002 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं कांग्रेस में ही हूं।’’ चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस से इतनी ही समस्या थी तो 2004 से 2014 तक सपा ने संप्रग सरकार का समर्थन क्यों किया।
''आपके कहने के मुताबिक, कोई आपको झूठे मुकदमे में फंसा रहा है और आप उसको समर्थन दिये हुए हैं...कौन सी मजबूरी थी, जिसकी वजह से सपा वाले कांग्रेस का समर्थन करते रहे।'' लखनऊ लोकसभा सीट से तीन मुख्य प्रत्याशी हैं, भाजपा से केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सपा से पूनम सिन्हा और कांग्रेस से प्रमोद कृष्णम। ऐसे में क्या स्थिति बनती है? इस सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा कि प्रमोद चुनाव जीतेंगे क्योंकि वह संविधान की रक्षा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूनम 'वोटकटवा' की स्थिति में हैं जिन्हें सपा ने राजनाथ को जिताने के लिए 'डमी' प्रत्याशी के रूप में खडा किया है। चतुर्वेदी ने भाजपा सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप भी लगाया।