नई दिल्ली: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संदर्भ में दिये गये बयान‘आजाद भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था’ पर विवादों में घिरे मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने एक और विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा,' मुझे लगता है राजनीति की गुणवत्ता नीचे जा रही है। मुझे डर नहीं लगा। हर धर्म का अपना आतंकवादी है, हम दावा नहीं कर सकते कि हम पवित्र हैं। इतिहास गवाह है कि सभी धर्मों के अपने चरमपंथी हैं।'
इससे पहले हासन ने कहा था कि सच्चाई तीखी होगी और तीखापन औषधि का रूप ले सकती है और लोगों की रूग्णता सही कर सकती है। रविवार के बयान के बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए फिल्मी दुनिया से राजनीति में उतरे हासन ने अपने विरोधियों से बस ‘वैध आरोप’ लगाने को कहा है और पूछा कि राजनीति में कदम रखने के बाद क्या वह समाज के बस एक ही तबके की बात करें।
उन्होंने कहा कि सच विजयी होता है न कि जाति और धर्म, तथा ‘‘मैने ऐतिहासिक सच कहा है।’’ हासन ने कहा, ‘‘चरमपंथी शब्द का अर्थ समझिए। मैं (गोडसे के खिलाफ) आतंकवादी या हत्यारा शब्द का इस्तेमाल कर सकता था । हम सक्रिय राजनीति में हैं, कोई हिंसा नहीं होगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण को चुनिंदा ढंग से संपादित किया गया । उन्होंने यह कहते हुए विरोधियों पर निशाना साधा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप के लिए हमारे मीडिया के दोस्त भी जिम्मेदार हैं।
वहीं एक जनसभा में दो अज्ञात लोगों ने मंच पर कथित तौर पर अंडे और पत्थर फेंके जिसके कारण तनाव व्याप्त हो गया। इस बीच, कोयंबटूर जिला पुलिस ने शुक्रवार को सुलूर उपचुनाव में प्रचार करने के लिए अभिनेता को अनुमति देने से इंकार कर दिया। अरावकुरिची में घटना में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ। घटना उस समय घटी जब हासन अपना भाषण समाप्त करके मंच से नीचे उतर रहे थे। पुलिस ने बताया कि उन्हें सुरक्षित ले जाया गया।