नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 51 दिन पहले ही क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हथियार डाल दिए हैं? ऐसा इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने अभी से ये संकेत देने की शुरुआत कर दी है यूपीए अगर बहुमत से दूर रही तो चुनाव बाद भी गठबंधन होंगे।
राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव बाद गठबंधन निश्चित तौर पर संभव है क्योंकि सारी विपक्षी पार्टियां देशहित में बीजेपी को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कई राज्यों में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन मौजूद है और पूरे देश में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए मजबूत विपक्षी उम्मीदवार उतारे गए हैं।“ एक तरफ राहुल गांधी सत्ता की सीढी चढ़ने के लिए चुनाव बाद गठबंधन के लिए पार्टनर तलाश रहे हैं तो दूसरी तरफ संभावित पार्टनर पर सियासी हमले भी कर रहे हैं।
राहुल गांधी रविवार को तेलंगाना में थे। तेलंगाना के जहीराबाद की रैली में उन्होंने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर तीखे वार किए। राहुल ने केसीआर को बीजेपी की बी टीम बता दिया। राहुल ने जनता को ये भी समझाया कि टीआरएस को वोट देने का मतलब बीजेपी और आरएसएस को वोट देना है।
राहुल गांधी ने तेलंगाना में तीन चुनावी रैलियां की और हर रैली में तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव पर हमला बोला, भ्रष्टाचार का आरोपी बताया और बीजेपी से सांठगांठ के आरोप लगाए। कांग्रेस अध्यक्ष तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं लेकिन ये भूल जा रहे हैं कि चुनाव बाद गठबंधन की गांठ ढीली पड़ने पर केसीआर बड़े मददगार हो सकते हैं।