नई दिल्ली: पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र से अभिनेता सनी देओल को चुनाव मैदान में उतारे जाने से परेशान पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेता विनोद खन्ना की विधवा कविता खन्ना ने शनिवार को कहा कि वह महसूस करती हैं कि उन्हें त्याग दिया गया है और खारिज कर दिया गया है क्योंकि आखिरी घड़ी में उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लड़ेंगी।
कविता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में गुरदासपुर से उनकी उम्मीदवारी पर गौर नहीं करने पर भाजपा पर उनके साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। विनोद खन्ना ने इस लोकसभा क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि मुझे त्याग दिया गया है और खारिज कर दिया गया है। मुझे बिल्कुल महत्वहीन महसूस कराया गया। पार्टी से किसी ने भी यह कहने के लिए मुझसे बात नहीं की कि दूसरा उम्मीदवार है। जब वह (सनी देओल) भाजपा में शामिल हुए तब मैं दिल्ली में थी। यदि उसने (पार्टी ने) मुझे बुलाया होता तो मैं जाती। मुझसे कई अन्य दलों ने संपर्क किया है।’’
भाजपा ने मंगलवार शाम को देओल को गुरदासपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस फैसले को कविता के लिए एक झटका के तौर पर देखा जा रहा है जिन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद थी। गुरदासपुर में लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहीं कविता ने कहा कि पार्टी से कई आश्वासन मिलने के बाद वह नामांकन पत्र भरने के लिए तैयार थीं लेकिन आखिरी घड़ी में उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आहत महसूस किया क्योंकि मैं समझती हूं कि पार्टी को उम्मीदवार तय करने का हक है, परंतु ऐसा करने का एक तरीका है। जिस तरीके से यह किया गया, मैंने महसूस किया कि मुझे त्याग दिया गया है और खारिज कर दिया गया है।’’
कई सालों तक कैंसर से जूझने के बाद 2017 में विनोद खन्ना गुजर गए थे। उससे पहले उन्होंने 1998, 1999, 2004 और 2014 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। वर्ष 2017 के गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ विजयी हुए थे।