भोपाल: लोकसभा चुनाव जीतने की कवायद में और हिंदू समर्थक होने की छवि बनाते दिग्विजय सिंह अब पहुंचे हैं भगवान राम की शरण में। आचार संहिता के दौरान ही कांग्रेस की जमीन को देने का ऐलान किया भोपाल के राम मंदिर ट्रस्ट को। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच दिग्विजय सिंह के एक बयान ने सूबे का सियासी पारा भी चढ़ा दिया है। दिग्विजय सिंह ने रामनवमी के दिन भोपाल के हमीदिया रोड स्थित राम मंदिर के लिए जमीन दान करने का ऐलान किया है जिसके बाद मध्यप्रदेश में सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है।
दरअसल, रामनवमी के पर्व पर शनिवार को भोपाल से लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह हमीदिया रोड पर बने राममंदिर में भगवान राम के दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने वहां भगवान राम की आरती भी की और इसके बाद ट्रस्ट के लोगों से मुलाकात भी की। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की 'भगवान राम के मंदिर के लिए हमारे कार्यकाल में ही यह भूमि दी गई थी और सामने जिला कांग्रेस कमेटी के भवन के लिए दी गई थी कांग्रेस पार्टी ने तय किया है राम मंदिर का प्रसार बढ़ते जा रहा है इसलिए वह जमीन भी हम राम मंदिर ट्रस्ट को स्थानांतरित कर देंगे'।
लेकिन दिग्विजय सिंह का राम प्रेम भाजपा को पसंद नहीं आया दिग्विजय सिंह के बयान के बाद भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि ज़मीन तो पहले से ही राम मंदिर के ट्रस्ट की है जिसपर कांग्रेस का कब्ज़ा है ऐसे में दिग्विजय किस मुह से ज़मीन दान देने की बात कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव जीतने की कवायद में दिग्विजय सिंह मंदिर मंदिर माथा टेक कर साबित करने की कवायद में है की हिंदू विरोधी होने का विपक्ष का आरोप गलत है। सरकार के तमाम मंत्री साबित करने में जुटे हैं कि कब दिग्विजय सिंह से बड़ा हिंदू कोई नहीं ऐसे में दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण की लिए जमीन देने की घोषणा कर खेला है राम कार्ड।