नई दिल्ली: दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने बयान जारी कर ऐलान किया कि वह इन लोकसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक पार्टी को समर्थन नहीं देंगे और न ही किसी भी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में कोई अपील करेंगे। बता दें कि इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ऐसी धार्मिक शख्सियतों में से एक हैं जिनका एक बयान किसी भी पार्टी के लिए फायदेमंद या नुकसानदेह साबित हो सकता हो।
इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा कि 'मुस्लिमों को इस बात पर गौर करना होगा कि करीब-करीब कोई भी राजनीतिक पार्टी उनकी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरीं हैं। राजनीतिक पार्टियों की ओर से कई बयान, घोषणा और दावे किए गए लेकिन जब लगू करने की बात आई तो सबने हताश किया। मुस्लिमों के साथ अन्याय की कहानियां बहुत पुरानी हैं। मुस्लिमों की वक्फ भूमि पर, उनकी निजी जिंदगी की सुरक्षा, संपत्तियों और देश में स्थिति, अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से अलग-अलग वक्त में महज कागजों पर ही सारी बाते रहीं।
अहमद बुखारी ने कहा कि 'देश में बढ़ता धार्मिक उन्माद और कट्टरता हमारे देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। एक सभ्य समाज में ऐसी परिस्थितियां खतरनाक और चिंतनीय हैं। कश्मीर जल रहा है, कश्मीर को वापस राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने के लिए किसी के पास कोई नीति नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ‘’ देश में के स्वर्णिम सिद्धांत ‘एक राष्ट्र’ और ‘विभिन्नता में एकता’ की जगह संप्रदायवाद का जहर हर मामले में फैलाया जा रहा है।’