नई दिल्ली/कोलकाता: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चे के कब्जे वाली 6 सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव में ‘एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव न लड़ने’ की बात सोमवार को कही। CPM के इस प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि वह बीजेपी विरोधी वोटों को मजबूत करने के लिए राज्य में दो राजनीतिक खेमों में एक समझ कायम करना चाहती है। हालांकि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि यदि वाम मोर्चा रायगंज और मुर्शिदाबाद संसदीय सीट उनके लिए नहीं छोड़ता है तो वह इन चुनावों में अकेले ही ताल ठोकने को तैयार है।
आपको बता दें कि रायगंज और मुर्शिदाबाद की लोकसभा सीटों को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले में CPM ने रायगंज और मुर्शिदाबाद सीटें जीत ली थीं। CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में केंद्रीय समिति ने निर्णय लिया था कि भाजपा विरोधी, तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट बंटने न देने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उचित तरीके अपनाएगी। इसके अनुसार CPM ने लोकसभा की मौजूदा 6 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव न लड़ने का प्रस्ताव दिया है। इन सीटों पर कांग्रेस और वाम मोर्चे का कब्जा है।’ उन्होंने कहा कि बाकी सीटों के लिए बंगाल में वाम मोर्चा 8 मार्च को फैसला लेगा।
माकपा के इस फैसले पर हालांकि कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि पार्टी रायगंज और मुर्शिदाबाद सीटों पर समझौता नहीं करेगी। इस बीच कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करके राज्य में माकपा के साथ प्रस्तावित सीट बंटवारे को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, गांधी ने पश्चिम बंगाल में CPM के साथ प्रस्तावित सीट बंटवारे को लेकर नफा नुकसान जानना चाहा। चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष को माकपा के साथ प्रस्तावित सीट बंटवारे के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी दी। (भाषा)