नई दिल्ली: बिहार एक बार फिर सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में ठन गई है। आरजेडी ने कांग्रेस से अपना रूख साफ करने के लिए कहा है लेकिन कांग्रेस की ओर से अबतक कोई पहल नहीं किया गया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है लेकिन अबतक सीटों पर फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस के स्टेट लीडरशिप इस मुद्दे पर जल्दी ही राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर मनमुताबिक सीटें नहीं मिली तो वो उत्तर प्रदेश के तर्ज पर महागठबंधन से अलग भी चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने खुले शब्दों में कहा है कि कांग्रेस सभी सीटों पर लड़ने में सक्षम है और वो हर हालात से निपट सकती है।
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस सम्मानजनक सीट बंटवारे के करीब पहुंच चुके हैं, परंतु कम से कम दो-तीन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इन दो-तीन सीटों पर मामला सुलझा लेने के बाद जल्द ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।
सूत्रों का दावा है कि सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में मुंगेर, मधेपुरा और दरभंगा सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मोकामा के विधायक अनंत सिंह को मुंगेर सीट से चुनाव लड़ाने के पक्ष में है, जबकि राजद इसके खिलाफ है। राजद के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इन्हें 'बैड एलीमेंट' बताया है और उन्होंने कहा है कि महागठबंधन में ऐसे लोगों की कोई जगह नहीं है।
इधर, दरभंगा के लिए भी पेंच फंसा हुआ माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित नेता और सांसद कीर्ति आजाद भाजपा छोड़कर अब कांग्रेस का 'हाथ' थाम चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस दरभंगा से कीर्ति को उतारना चाह रही है, जबकि महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी इसी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों के शीर्ष नेताओं के बीच अंतिम दौर की बातचीत चल रही है। तिवारी इशारों ही इशारों में इस बात के भी संकेत देते हैं कि राजद पहले कांग्रेस से सीट तय कर लेना चाहती है, उसके बाद अन्य दलों से बात करने की इच्छुक है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अनंत सिंह या उनकी पत्नी के लिए मुंगेर सीट चाहती है, जबकि राजद मुकेश सहनी को दरभंगा से तथा वृशिण पटेल को मुंगेर से चुनाव लड़ाना चाहती है। पटेल हाल ही में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा छोड़ चुके हैं और राजद के संपर्क में हैं।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि उम्मीदवारों की घोषणा में थोड़ा समय लग सकता है, पर गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा मार्च के पहले सप्ताह में होने की उम्मीद है। उन्होंने कुछ सीटों पर फंसे पेंच के संबंध में कहा कि सभी सीटों को लेकर बातचीत चल रही है।
मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव भी कथित तौर पर महागठबंधन का हिस्सा बनने वाले हैं। हाल ही में पप्पू यादव कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। हालांकि, कांग्रेस ने अभी पप्पू यादव की 'एंट्री' के बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
लेकिन तेजस्वी, पप्पू को महागठबंधन में शामिल करने के खिलाफ हैं। उन्होंने कई मौके पर पप्पू का विरोध जताया है। यही कारण माना जा रहा है कि कांग्रेस के लिए फैसला लेना मुश्किल हो रहा है। पप्पू यादव ने 2014 लोकसभा चुनाव में शरद यादव को हराया था। शरद यादव जद (यू) से निकलने के बाद अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बना चुके हैं और वह फिर से मधेपुरा से लड़ सकते हैं।