नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। ऐसे में कभी भी चुनाव की अहम तारीखों का ऐलान हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की बदायूं सीट से अपना-अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सपा-बसपा के गठबंधन की साथी है। ऐसे में बदायूं सीट से दोनों पार्टी ने के उम्मीदवार का उतरना 'गठबंधन' की खबरों पर कई सवाल खड़े करता है।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में महागठबंधन पर कहा था है कि कांग्रेस सपा-बसपा के गठबंधन की साथी है क्योंकि उसके लिए अमेठी और रायबरेली की दो सीट छोड़ी गई हैं। अखिलेश अपने तौर पर भले कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कहें लेकिन कांग्रेस की तरफ से साफ कहा जा चुका है कि पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और उसका सपा-बसपा से किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं है। हालांकि, मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए चुनाव बाद किसी भी तरह की दोस्ती से इनकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस की तरफ से बदायूं सीट से सलीम इकबाल शेरवानी के नाम का ऐलान किया गया है। जबकि समाजवादी पार्टी की तरफ से धर्मेंद्र यादव को फिर एकबार इस सीट से टिकट दिया गया है। गुरुवार को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए 15 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था और अब शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है जिसमें बदायूं भी शामिल है। समाजवादी पार्टी की तरफ से धर्मेंद्र यादव को फिर एकबार इस सीट से टिकट दिया गया है। 2014 लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव ने इस सीट से 498378 मतों से जीत हासिल की थी वहीं दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के वागीश पाठक रहे थे।