हैदराबाद: कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला लेगा कि तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के लिए तेदेपा, भाकपा और टीजेएस के साथ गठबंधन जारी रखा जाए या नहीं। ‘प्रजाकुटमी’ नाम का यह गठबंधन तेलंगाना में सात दिसंबर 2018 विधानसभा चुनाव के लिए बना था। हालांकि तब यह धराशायी हो गया था। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति 119 सदस्यीय विधानसभा में 88 सीटों के साथ सत्ता में लौटी जबकि कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा (तेलुगु देशम पार्टी) को केवल दो सीट मिली थीं जबकि भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) और टीजेएस (तेलंगाना जन समिति) के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी में एक धड़ा अकेले लोकसभा लड़ने के पक्ष में है जबकि कुछ नेता गठबंधन जारी रखने पर जोर दे रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रवक्ता श्रवण दासोजू ने बुधवार को कहा, ‘‘कांग्रेस आलाकमान राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के समस्त हितों को ध्यान में रखते हुए गठबंधन पर फैसला लेगा।’’ तेलंगाना में कांग्रेस इकाई ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट आकांक्षियों से अर्जियां एकत्रित करनी शुरू कर दी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नीत गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए जारी रहेगा, इस पर भाकपा महासचिव सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने कहा कि यह अब भी सवाल बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को चर्चा शुरू करनी चाहिए और बैठक बुलानी चाहिए लेकिन उसने अभी तक ऐसा नहीं किया है। रेड्डी ने कहा कि भाकपा की तेलंगाना इकाई ने मंगलवार को कांग्रेस को पत्र लिखकर ‘प्रजाकुटमी’ की बैठक बुलाने के लिए कहा। कांग्रेस के जवाब के बाद ही पता चलेगा कि गठबंधन जारी रहेगा या नहीं।