नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रचार करने पर रोक वाले फैसले पर भाजपा ने मंगलवार को चुनाव आयोग से पुनर्विचार का अनुरोध किया। भाजपा का दावा है कि उनकी (योगी) सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोई मंशा नहीं थी, वह तो बस अपनी मान्यताओं के बारे में बता रहे थे। उल्लेखनीय है कि आयोग ने आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगा दी है।
केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा, मुख्तार अब्बास नकवी, और वी. के. सिंह भाजपा की ओर से चुनाव आयोग पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे। वहीं प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा। भाजपा का आरोप है कि सोमवार को बिहार के कटिहार में सिद्धू ने अपने भाषण से ‘वैमनस्य’ फैलाने की कोशिश की।
आदित्यनाथ का बचाव करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘हमारा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वह योगी आदित्यनाथ के 72 घंटे प्रचार पर रोक के फैसले पर पुनर्विचार करे। योगी ने सिर्फ अपनी भावनाएं व्यक्त की उनका मंशा किसी समुदाय को प्रभावित करने या वोट पाने की नहीं थी।’’
उल्लेखनीय है आयोग ने सोमवार को आदित्यनाथ को मेरठ की चुनावी रैली में ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ के नाम उपयोग करने के चलते नोटिस थमाया था और उनके 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी थी।
वहीं भाजपा ने चुनाव आयोग से सिद्धू को तत्काल कांग्रेस के स्टार प्रचारक की सूची में हटाने का ज्ञापन दिया है और उनके खिलाफ सांप्रदायिक तनाव फैलाने को लेकर शिकायत भी दर्ज करायी है। गौरतलब है कि सिद्धू ने सोमवार को कटिहार में मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि इस लोकसभा क्षेत्र में उनकी संख्या निर्णायक है। इसलिए वह इकट्ठा होकर वोट दें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराएं।