![BJP's minister Anil Sharma's son joins Congress, likely to get ticket from Mandi Lok Sabha in HP](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
मंडी। लोकसभा चुनावों से पहले अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का अपनी पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल होने का सिलसिला बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा और आश्रय के दादा तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने आश्रय शर्मा को मंडी सीट से टिकट का भरोसा दिलाया है। सुखराम के पुत्र पिता अनिल शर्मा 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
आश्रय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते हैं, पंडित सुखराम की गिनती हिमाचल प्रदेश के दिग्गज नेताओं में होती है, लेकिन सुखराम भी कई बार पार्टियां बदल चुके हैं। दूर संचार घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें कांग्रेस से बाहर किया गया था जिसके बाद उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस नाम से नई पार्टी बनाई, 1998 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में सुखराम की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया और हिमाचल में भाजपा के साथ सरकार बनाई। लेकिन इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनावों से पहले सुखराम और उनके पुत्र अनिल शर्मा फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने फिर से पासा बदला और अपने पुत्र सहित भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। अभी सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा को हिमाचल सरकार में मंत्री होने के नाते भारतीय जनता पार्टी में बने हुए हैं लेकिन उनके पुत्र और पिता फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि अनिल शर्मा हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से अपने पुत्र आश्रय के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा पर भरोसा जताए हुए दूसरी बार टिकट दे दिया है। शायद यही वजह है कि पिता अनिल शर्मा के सरकार में मंत्री होने के बावजूद सुखराम ने अपनी पूरानी पार्टी का रुख किया और पोते आश्रय शर्मा को साथ लेकर कांग्रेस में शामिल हो गए, ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आश्रय शर्मा को मंडी लोकसभा से टिकट दे सकती है।