इंदौर: मध्यप्रदेश में इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी को लेकर लम्बे समय से जारी रहस्य रविवार देर शाम खत्म हो गया, जब पार्टी ने अपने एक स्थानीय गुट के कथित विरोध को आखिरकार दरकिनार करते हुए अपने 30 साल पुराने गढ़ में वरिष्ठ नेता शंकर लालवानी को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर दी। इंदौर से लालवानी के नाम के ऐलान के साथ ही पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरलीमनोहर जोशी सरीखे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तरह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) को भी चुनावी राजनीति से विश्राम दे दिया गया है।
हालांकि, इस सीट से लगातार आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कायम करने वाली महाजन ने मौके की नजाकत भांपते हुए चुनाव लड़ने से पहले ही इंकार कर दिया था। सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लालवानी अपने राजनीतिक करियर का पहला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वह इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के चेयरमैन और इंदौर नगर निगम के सभापति रह चुके हैं। वहीं, कांग्रेस ने इंदौर क्षेत्र से अपने वरिष्ठ नेता पंकज संघवी को प्रत्याशी घोषित किया है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि इंदौर के टिकट की दावेदारी को लेकर लालवानी का नाम बुधवार को तेजी से आगे बढ़ा था। लेकिन पार्टी के एक स्थानीय गुट के कथित विरोध के बाद इंदौर सीट के उम्मीदवार की घोषणा रोक दी गयी थी। गौरतलब है कि महाजन, इंदौर सीट से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देने के भाजपा के निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने पांच अप्रैल को घोषणा की थी कि वह बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी। साथ ही, इंदौर के एक अन्य दिग्गज नेता और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी खुद को इस सीट के चुनावी टिकट की दावेदारी से अलग कर दिया था। विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी के रूप में अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए बुधवार को ट्विटर पर कहा था कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है।