नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावों में अगर ब्रांड मोदी चलता है तो भारतीय जनता पार्टी की को जीत मिल सकती है। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद देश में जितने भी विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिलने वाले कुल वोटों को देखें तो वह 2014 में मिले वोटों से कुछ कम बनते हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की रणनीति साफ है कि वह लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट मांगेगी, ऐसे में अगर ब्रांड मोदी चलता है तो 2019 के लोकसभा चुनावों में BJP को मिलने वाले वोटों की संख्या 2014 में मिले वोटों की बराबरी कर सकती है।
2014 के लोकसभा चुनावों में 55 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था जिसमें भारतीय जनता पार्टी को 31 प्रतिशत से ज्यादा यानि 17.61 करोड़ वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जितने भी राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी को 14.09 करोड़ वोट मिले हैं।
2014 के लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र प्रदेश (तेलंगाना भी साथ में), अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा का चुनाव भी हुआ था, इन राज्यों में लोकसभा चुनाव में BJP को कुल 90.13 लाख वोट मिले थे। इसके अलावा वे केंद्र शाशित प्रदेश जहां पर राज्यसभा चुनाव नहीं होते, यानि अंडमान नीकोबार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन दीव और लक्ष्यदीप में 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP को लगभग 4.10 लाख वोट मिले थे।
यानि लोकसभा चुनाव के बाद राज्यों के विधानसभा चुनावों में BJP को मिले 14.09 करोड़, लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले विधानसभा चुनावों वाले राज्यों के 90.13 लाख तथा 5 केंद्र शासित राज्यों में पार्टी को मिले 4.10 लाख वोटों को मिला लिया जाए तो 15 करोड़ से ज्यादा वोट बनते हैं जो 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP मिले कुल 17.61 करोड़ वोट से लगभग 12 प्रतिशत कम है।
BJP ने इस बार के लोकसभा चुनावों में ब्रांड मोदी के सहारे उतरने का फैसला किया है, दिसंबर 2018 में 3 राज्यों में हार के बावजूद BJP को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में जनता प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर उन्हें वोट करेगी। दो दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि इस बार का चुनाव अमेरिका के प्रेशिडेंशियल इलेक्शन की तरह होने जा रहा है और उनके पास प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत चेहरा है। भाजपा को अगर सत्ता में आना है तो इस कमी को पूरा करना होगा और कमी को पूरा करने के लिए ब्रांड मोदी की जरूरत पड़ेगी।