नई दिल्ली: बीजेपी महासचिव राम माधव ने आज स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव इस साल होंगे ऐसी उम्मीद है। हालांकि उन्होंने आर्टिकल 35 ए को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 'दोहरे रवैये' को लेकर उनकी जमकर आलोचना की।
यहां दिनभर चले इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में हिस्सा लेते हुए राम माधव ने कहा, 'पिछले एक साल में हमने कश्मीर घाटी में तीन चुनाव कराए। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने आर्टिकल 35ए के मु्द्दे को लेकर पिछले साल स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि इन दोनों क्षेत्रीय दलों के नेता नहीं चाहते कि स्थानीय निकायों से जमीनी स्तर की लीडरशिप उभरकर सामने आए और अपने सीनियर नेताओं से यह सवाल कर सके कि पिछले 40 वर्षों में उन्होंने क्या किया।'
उन्होंने आगे कहा, 'यही पार्टियां अब लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं, एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग से चुनाव लड़ रही हैं।' राम माधव ने पूछा, 'क्या आर्टिकल 35ए का मुद्दा खत्म हो गया है?'
'अब जबकि दोनों नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर है, तब वे खुशी-खुशी लोकसभा चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। मुझे यहां स्पष्ट करना है कि सुरक्षाबलों की अनुपलब्धता की वजह से अभी वहां विधानसभा चुनाव नहीं हो रहे हैं।'
'मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम इसी साल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव कराएंगे और मैं यह वादा करता हूं कि हम जम्मू-कश्मीर की जनता को उनका लोकतांत्रिक अधिकार देंगे, यह मायने नहीं रखता कि कितनी पार्टियां राज्य के चुनावों का बहिष्कार करती हैं।'
यह पूछे जाने पर कि यदि बीजेपी अपने बूते बहुमत पाने में नाकाम रही तो आरएसएस किसे समर्थन देगा, राम माधव ने इस सवाल से किनारा करते हुए कहा: 'आरएसएस का दिल काफी बड़ा है। आरएसएस को नरेंद्र मोदी पसंद हैं, और यह कई लोगों को पसंद है। लेकिन इस समय बीजेपी में पीएम पद के मु्द्दे पर किसी तरह की चर्चा नहीं है, न ही पूरे देश में इस तरह की कोई चर्चा है।'
'हर कोई जानता है कि मोदी जी प्रधानमंत्री होंगे। हम जनता से मोदी जी के नाम पर और उनकी सरकार के पिछले पांच वर्षों के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर जनादेश मांग रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं आपको बताता हूं। सत्तारूढ़ पार्टियां लहर नहीं तैयार करतीं। ज्यादातर ये लहर विपक्षी दलों द्वारा बनाई जाती है। लेकिन आज जबकि हम सत्तारूढ़ दल हैं, हम इस परंपरा को तोड़ने में सफल रहे और नरेंद्र मोदी के पक्ष में हमने एक लहर तैयार की है।'
'प्रियंका गांधी काशी विश्वनाथ मंदिर गईं, वहां मोदी के पक्ष में नारे लगे। राहुल गांधी हैदराबाद हाईटेक सिटी गए और वहां भी यही हुआ, मोदी के समर्थन में नारे लगे। अब जबकि सत्तारूढ़ दल ने एक लहर तैयार की है, हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि राष्ट्र एकबार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहता है।'
राम माधव ने कहा कि मौजूदा समय में कई महागठबंधन हैं। एक महागठबंधन हैदराबाद में है, जिसे फेडरल फ्रंट (तेलंगाना सीएम द्वारा) के रूप में गठित किया गया है। एक अन्य गठबंधन आंध्र प्रदेश के पड़ोस में हैं जिसे चंद्रबाबू नायडू द्वारा बनाया गया है।
'एक तीसरा कथित गठबंधन उत्तर प्रदेश में है जहां एसपी और बीएसपी ने राहुल गांधी को बाहर रखा है। बंगाल में ममता जी अभी-भी राहुल गांधी को बच्चा मान रही हैं। इसलिए इस समय देश में एक भी महागठबंधन नहीं है। अपनी ओर से बीजेपी इन सभी को गंभीरता से लेगी।'
बीजेपी महासचिव ने कहा, 'इस समय देश में नरेंद्र मोदी का कोई स्पष्ट विकल्प नहीं है। मोदी का विकल्प अस्थिरता, भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति और अकुशल शासन है।'
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