नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने अबतक घोषित लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश के लगभग 28 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवारों की अबतक 11 सूचियां निकाली हैं जिसमें उत्तर प्रदेश की 80 में से 57 सीटों के नाम हैं और इनमें से 16 नाम ऐसे हैं जो 2014 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर आए थे लेकिन 2019 में अबतक घोषित लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं है।
टिकट कटने वालों में सबसे आगे भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में एक मुरली मनोहर जोशी भी हैं जिन्हें इस बार कानपुर लोकसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया है, उनकी जगह इस बार कानपुर से सत्यदेव पचौरी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा रामपुर से नेपाल सिंह की जगह इस बार जया प्रदा को टिकट दिया गया है। 2014 में वरुण गांधी ने सुल्तानपुर से चुनाव जीता था लेकिन इस बार उन्हें पीलीभीत से टिकट दिया गया है जबकि उनकी माता मेनका गांधी को इस बार सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया है जिन्होंने पिछली बार पीलीभीत से चुनाव जीता था।
इनके अलावा इटावा से इस बार अशोक कुमार की जगह रामशंकर, इलाहाबाद से श्याम चरण गुप्ता की जगह रीता बहुगुणा जोशी, बहराइच से सवित्री फुले की जगह अक्षयवर लाल गौड़, बाराबंकी से प्रियंका रावत की जगह उपेंद्र रावत, कुशिनगर से राजेश पांडे की जगह विजय दूबे, बलिया से भरत सिंह की जगह वीरेंद्र सिंह, हाथरस से राजेश कुमार की जगह राजवीर सिंह, कैराना से हुकम देव की जगह प्रदीप चौधरी को टिकट दिया गया है, 2014 में चुनाव जीतने वाले सांसद हुकम सिंह की मृत्यु हो चुकी है।
अन्य सीटों की बात करें तो संभल से सत्यपाल की जगह परमेश्वर लाल सैनी, आगरा से रामशंकर कथेरिया की जगह एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी से बाबूलाल की जगह राजकुमार, शाहजहांपुर से कृष्ण राज की जगह अरुण सागर, हरदोई से अंशुल वर्मा की जगह जय प्रकाश रावत और मिसरिख से अंजू बाला की जगह अशोक रावत को टिकट दिया गया है।