नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सीनियर लीडर उमा भारती ने ऐलान किया है कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वे डेढ़ साल राम और गंगा के लिए काम करेंगी और 15 जनवरी से वे गंगा प्रवास करेंगी। उमा भारती ने इसके लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से इजाजत मांगने की बात है। उमा भारती ने कहा कि अब वे गंगा और राम मंदिर पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी इसलिए उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
वहीं राम मंदिर पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के अध्यादेश के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिये किसी आंदोलन की ज़रूरत नहीं क्योंकि 2010 में फ़ैसला आ गया कि बीच का डोम राम लला का है। सभी पक्ष को एक करने का प्रयास होना चाहिये। उमा भारती ने कहा कि मुझे आगे भी कहेंगे तो मैं कोशिश करूंगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मसला देश के सौहार्द के साथ जुड़ा है इसलिये जितने जल्दी हो सके समाधान करना चाहिये।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि वहां बीजेपी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी। मेरी इच्छा है कि शिवराज प्रचंड बहुमत से जीतें और उनकी सरकार बने। उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस के लोग मुगालते में हैं, कांग्रेस का कार्यकर्ता पोलिंग बूथ पर भी नही है। उमा ने कहा कि साढ़े चार साल कोई काम नही करते कांग्रेस नेता और चुनाव के पहले आ जाते हैं और आपस में लड़ते हैं।
बुलन्दशहर की घटना पर उमा भारती ने कहा कि ये ऐसा संकेत है जिसपर मुख्यमंत्री योगी को विचार करना होगा। इतनी बड़ी तादाद में लोग जुटे थे। यह बहुत दुःखद है औऱ चिंताजनक है। अगर इस पर उनकी नज़र होती तो ये घटना नहीं होती।
वहीं ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में उन्होंने कहा कि एक बार चुनाव आयोग ने सभी दलों को बुलाया था कि ईवीएम में टैम्पिरंग कैसे होती है करके दिखाये। लेकिन लोग गए नहीं। ईवीएम को लेकर अब जो सवाल उठ रहे रहे हैं उन्हें दूर करना चाहिए। दुनिया मे कई देश ऐसे हैं जो टेक्नोलॉजी में हमसे आगे हैं लेकिन वहां ईवीएम से वोटिंग नहीं होती है।