रायपुर। छत्तीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के दमदार प्रदर्शन किया है। यहां भाजपा के उम्मीदवारों ने 11 में से 9 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया है लेकिन एक हकीकत ये भी है कि छत्तीसगढ़ में लगभग दो लाख मतदाताओं ने किसी भी पार्टी के उम्मीदवारों पर भरोसा न जताते हुए नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) को चुना है।
राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाताओं ने नोटा को वोट दिया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 1.96 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा पर मतदान किया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 1,36,22,725 मतदाताओं ने इस लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इनमें से 1,96,265 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी को न चुनते हुए नोटा पर मत दिया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के पांच लोकसभा क्षेत्रों बस्तर, सुरगुजा, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में नोटा तीसरे स्थान पर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक 41667 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का इस्तेमाल किया है। वहीं अन्य आदिवासी बाहुल्य सीट सरगुजा सीट पर 29,265 मतदाताओं को नोटा का विकल्प बेहतर लगा।
महासमुंद में 21,241 मतदाताओं ने, राजनांदगांव में 19,436 मतदाताओं ने, कोरबा में 19,305 मतदाताओं ने, रायगढ़ में 15,729 मतदाताओं ने, जांजगीर-चांपा में 9,981 मतदाताओं ने नोटा पर वोट डाला है। वहीं राज्य के बिलासपुर में 4,365, रायपुर में 4,292 और दुर्ग में 4,271 मतदाताओं ने नोटा विकल्प को चुना है।
राज्य में भाजपा ने जिन 9 सीटों पर चुनाव जीता है वो रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कांकेर और महासमुंद हैं। वहीं कांग्रेस को दो सीटें बस्तर और कोरबा में कामयाबी मिली है।