नई दिल्ली: भीम सेना के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर जमकर निशाना साधा। इन दोनों नेताओं पर भारतीय जनता पार्टी का ‘एजेंट’ होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही चंद्रशेखर ने ऐलान किया है कि यदि उनकी उम्मीदवारी से दलित आंदोलन को नुकसान पहुंचता है तो वह वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले चंद्रशेखर ने ऐलान किया था कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं।
आजाद ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब कुछ दिन पहले जयपुर में एक जनसभा में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उन्हें ‘भाजपा का एजेंट’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि वह दलित मतों को बांटने की बीजेपी की साजिश के तहत वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती की पार्टी बीएसपी ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है। यूपी की 80 सीटों में से बीएसपी 38, एसपी 37 और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, रायबरेली और अमेठी की सीटों को क्रमश: यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए छोड़ा गया है।
भीम सेना के प्रमुख ने कहा, ‘अखिलेश यादव ने दलितों पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों को पदोन्नति दी। उनके पिता संसद में कहते हैं कि वह चाहते हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें। मैं नहीं, वे भाजपा के एजेंट हैं। मैंने सवाल उठाया, इसलिए वे मुझे एजेंट कह रहे हैं। हां, मैं भीमराव आम्बेडकर का एजेंट हूं। यदि मेरे अपने लोग मेरे रास्ते में नहीं होते, तो मैंने आपको (अखिलेश) दिखा दिया होता कि यदि हम आपको वोट देकर सत्ता में ला सकते हैं तो हम आपको सत्ता से बाहर भी कर सकते हैं।’
चंद्रशेखर ने यह भी दावा किया कि मायावती को उनके महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ‘गुमराह’ कर रहे हैं। मिश्रा बहुजन समाज पार्टी का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी तरह ‘मजबूत’ होते हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। वाराणसी मोदी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है।