नई दिल्ली: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ज़हर उगला है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर हमला करते-करते ओवैसी ने भाषा की मर्यादा लांघ दी और कहा कि शहीद हेमत करकरे को साध्वी प्रज्ञा का श्राप नहीं लगा, श्राप तो मोदी को इस चुनाव में लगेगा और वो हिंदुस्तान का प्राइम मिनिस्टर नहीं बनेगा।
ओवैसी ने मुंबई हमले के दौरान शहीद हुए हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कहा, “साध्वी ने कहा था कि शहीद पुलिस अधिकारी को श्राप लगा इसलिए उनका अंत हुआ। ये बयान गैरजिम्मेदाराना ही नहीं बल्कि उन बहादुर अफसरों की बेइज्जती है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से आए आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान को कुर्बान कर दिया।“
ओवैसी ने आतंकवाद आरोपी को प्रत्याशी बनाने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, “एक आतंकवाद आरोपी को भाजपा ने पुनवार्सित कर दिया। किसी बाहरी के लिए यह बेशर्मी निश्चित ही हतप्रभ करने वाली होगी लेकिन हम इसकी एक रूटीन राजनैतिक रणनीति के रूप में बात कर रहे हैं। यही है भाजपा की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस पॉलिसी।”
2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी प्रज्ञा ने आरोप लगाया है कि करकरे ने उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया। करकरे इस मामले की जांच कर रहे थे जिसमें छह लोग मारे गए थे और सौ से अधिक घायल हुए थे। महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने प्रज्ञा और हिंदू चरमपंथी समूह के सदस्यों को 24 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया था।
इसके एक महीने बाद मुंबई पर हमला करने वाले आतंकियों से मुकाबला करते हुए करकरे शहीद हुए थे। मई 2106 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मालेगांव विस्फोट मामले में दायर आरोपपत्र में प्रज्ञा को क्लीन चिट दी। बाद में उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी गई। भाजपा ने प्रज्ञा को भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के मुकाबले में उतारा है।