नई दिल्ली। 2019 का लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां बढ़ा दी हैं, खासकर विपक्षी दलों ने पिछले चुनावों से सबक लेते हुए इस बार जीत के लिए गुणा भाग करना शुरू कर दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 44 सीटें मिली थीं और वह कांग्रेस का अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
कांग्रेस कभी नहीं चाहेगी कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन पिछली बार की तरह हो। पिछली बार कांग्रेस को लोकसभा की कुल 543 सीटों में से सिर्फ 44 सीटें मिल पायी थीं। आज हम कांग्रेस की उन्हीं 44 सीटों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 464 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सिर्फ 44 सीटें ही जीत पायीं और उनमें सबसे अधिक कर्नाटक से 9 और केरल से 8 सीटें थीं। बाकी अन्य राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा है, कांग्रेस 3 राज्यों में सिर्फ तीन-तीन सीटें, 5 राज्यों में महज 2-2 सीटें और 5 राज्यों में मात्र 1-1 सीट जीत पायी।
कांग्रेस के हिस्से में 2014 के चुनावों के बाद जो 44 सीटें आईं उनमें 7 सीटों पर जीत का मार्जिन 10 हजार से भी कम था। 2 सीटें तो ऐसी थी जहां जीत का मार्जिन 2000 से भी कम था और वे दोनो सीटें भाजपा या उसके सहयोगी दलों की थी। 44 में से 24 सीटें ऐसी थीं जहां भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर रही। देश के कुल 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 13 राज्य और सभी 7 केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पायी थी।
आम चुनावों में 2014 के दौरान कांग्रेस का प्रदर्शन अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। कांग्रेस कभी भी उस तरह का प्रदर्शन नहीं दोहराना चाहेगी। और शायद यही वजह है कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनावों को लेकर पहले से ही चुनावी रैलियां कर रहे हैं और देशभर में मोदी सरकार की खामियां गिना रहे हैं।