नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर के विरोध में कल हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन और पुलिस के लाठी चार्ज में कुछ छात्रों के घायल होने की घटना को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने एएमयू के कुलपति और जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। एएमयू के पूर्व छात्र नेताओं के संगठन 'एएमयू स्टूडेंट लीडर्स फोरम' की शिकायत के बाद आयोग ने विश्वविद्यालय के कुलपति और जिलाधिकारी को आज नोटिस जारी किया।
आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरुल हसन रिजवी ने बताया, ''हमारे पास कल की घटना को लेकर शिकायत की गई है। इस पर हमने एएमयू के कुलपति (तारिक मंसूर) और अलीगढ़ के जिलाधिकारी (चन्द्रभूषण सिंह) को नोटिस जारी किया है। हमने तीन दिन के भीतर पूरी घटना पर रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे का कदम उठाया जाएगा।'' आयोग को शिकायत से जुड़ा ज्ञापन सौंपने वाले 'एएमयू स्टूडेंट लीडर्स फोरम' के अध्यक्ष मोहम्मद शम्स शाहनवाज ने कहा, ''एएमयू देश का प्रतिष्ठित संस्थान है और देश में इसका बहुत योगदान है।
इस संस्थान को राजनीति का अखाड़ा बनाने की कोशिश की जा रही है। हमने आयोग से आग्रह किया है कि वह कल की घटना का संज्ञान ले और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराए।'' दरअसल, जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर कल हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय पहुंचकर नारेबाजी की थी। इसके बाद हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किये जाने की मांग कर रहे एएमयू के छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा किये गये बलप्रयोग में कम से कम छह छात्र घायल हो गये। एएमयू के छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले भी छोड़े। गौरतलब है कि अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने पिछले दिनों एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर को पत्र लिखकर संस्थान में जिन्ना की तस्वीर होने को लेकर सवाल किया था। इसके बाद यह मुद्दा गरमा गया।