नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार बनाने पर सस्पेंस गहरा गया है। बहुमत के आंकड़े से बीजेपी को चंद कदम दूर देखते ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन का ऐलान कर दिया जिससे कर्नाटक की सियासत में नया मोड़ आ गया है। हर पार्टी सत्ता में काबिज होने की कवायद कर रही है। अब कर्नाटक की सत्ता का गेंद राज्यपाल के पास है। दोनों गुट बहुमत के दावे कर रही है लेकिन राज्यपाल किसे सरकार बनाने का न्यौता देते हैं इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। कांग्रेस और जेडीएस के लिए बड़ी चुनौती विधायकों को टूट से बचाने की भी है। लिहाजा खबरें ये भी है कि दोनों पार्टियां अपने-अपने विधायकों को किसी ऐसे ठिकाने तक ले जाना चाहती है जहां तक बीजेपी की पहुंच ना हो।
कांग्रेस किसी रिसॉर्ट में अपने सभी विधायकों को रूकवा सकती है तो जेडीएस भी केरल में अपने विधायकों को लेकर जा सकती है। वहीं विधायकदल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस और जेडीएस विधायकों की बैठक हो रही है। कांग्रेस विधायक दल के बैठक में उपमुख्यमंत्री के भी नाम पर चर्चा किया जाएगा और माना जा रहा है कि इस मीटिंग में उपमुख्यमंत्री के नाम पर आधिकारिक मुहर लग जाएगी। कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। नतीजों के बाद कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है। कांग्रेस के एक विधायक ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उन्हें पैसे और मंत्री पद का ऑफर दिया है। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि बीजेपी को समर्थन के बदले उन्हें रुपये की पेशकश की गई और मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेते केएस इश्वरप्पा ने दावा किया है कि कर्नाटक में बीजेपी की ही सरकार बनेगी।