Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018
  4. कर्नाटक चुनाव: सिद्धारमैया के नामांकन से 'बादामी' बनी हॉट सीट, दिलचस्प हुआ यहां का दंगल

कर्नाटक चुनाव: सिद्धारमैया के नामांकन से 'बादामी' बनी हॉट सीट, दिलचस्प हुआ यहां का दंगल

बादामी को पहले वतापी नाम से जाना जाता था और इसका भारत के इतिहास में महान महत्व है। यह 540 से 757 ईस्वी तक बादामी चालुक्य वंश की राजधानी रही थी...

Reported by: IANS
Published on: May 02, 2018 9:05 IST
siddarmaiah- India TV Hindi
siddarmaiah

नई दिल्ली: इस साल पूर्वोत्तर के तीन राज्य- त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ चुनाव का सिलसिला कर्नाटक आ पहुंचा है। भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य विरोधी पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने अपनी अपनी कमर कस ली है। दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री उम्मीदवारों ने राज्य में अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है।

कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री व कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया ने अपनी पुरानी सीट छोड़कर दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र और बादामी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है। इससे पहले सिद्धारमैया दो बार (1994 और 2006) राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, तो वहीं भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा ने शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है।

कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या-23 बादामी विधानसभा क्षेत्र बागलकोट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। बादामी बागलकोट जिले का एक शहर और एक तालुका मुख्यालय है। 2011 की जनगणना के अनुसार, विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 2,78,344 थी, जिसमें 69.8 फीसदी ग्रामीण हैं और 30.2 फीसदी शहरी आबादी है।

बादामी को पहले वतापी नाम से जाना जाता था और इसका भारत के इतिहास में महान महत्व है। यह 540 से 757 ईस्वी तक बादामी चालुक्य वंश की राजधानी रही थी। बादामी की औसत साक्षरता दर 64.8 प्रतिशत है जिसमें पुरुषों 59 प्रतिशत और 41 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। बादामी के गुफा मंदिर और किले देश भर में प्रसिद्ध हैं और यहां हर साल पर्यटक घूमने आते हैं। बादामी में विभिन्न युगों के चार मुख्य बलुआ पत्थर गुफा मंदिर हैं, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।

बात करें क्षेत्रीय राजनीति की, तो यहां वर्तमान में कांग्रेस के विधायक और दिग्गज नेता चिम्मानकट्टी बलप्पा भीमप्पा काबिज हैं। 2013 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भीमप्पा ने जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार महांतेश गुरुपडप्पा ममदपुर को 15,113 मतों से हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था। इससे पहले उन्होंने 1994 और 1999 विधानसभा चुनावों में भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2004 और 2008 में उन्हें भाजपा के महागुंडप्पा कालप्पा के हाथों लगातार दो बार शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

वर्ष 2008 और 2013 में वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया ने इस बार बादामी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है। उन्होंने वरुणा विधानसभा क्षेत्र से अपने बेटे यतींद्र को खड़ा किया है। सिद्धारमैया कई वर्षों तक विभिन्न जनता परिवार गुटों के सदस्य रहे हैं। मैसूर जिले के टी. नारासिपुरा के पास वरुण होब्ली में सिद्धामनहुंडी नाम के सुदूर गांव में एक किसान परिवार के घर जन्मे सिद्धारमैया ने दस वर्ष की उम्र तक कोई औपचारिक स्कूली शिक्षा हासिल नहीं की थी। हालांकि बाद में उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बीएससी और कानून की शिक्षा हासिल की। उन्हें कुरुबा गौड़ा समुदाय के नेता के रूप में जाना जाता है।

सिद्धारमैया के राजनीतिक जीवन की शुरुआत मैसूर तालुका के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से हुई। उन्होंने 1983 में चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और 7वीं कर्नाटक विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वह सत्तारूढ़ जनता पार्टी में शामिल हो गए और कन्नड़ निगरानी समिति (कन्नड़ कवलू समिति) के पहले अध्यक्ष बनें। यह समिति कन्नड़ को आधिकारिक भाषा के रूप में कार्यान्वयन की निगरानी के लिए स्थापित हुई थी।

वर्ष 2005 में एच.डी. देवेगौड़ा के साथ मतभेद उभरने के बाद सिद्धारमैया को जेडी (एस) से निष्कासित कर दिया गया। सिद्धारमैया जेडी (एस) छोड़ने के बाद क्षेत्रीय पार्टी 'एबीपीजेडी' बनाना चाहते थे, लेकिन कर्नाटक में क्षेत्रीय दलों के गठन को लेकर चलन नहीं था। इस कारण उन्होंने यह विचार छोड़कर पिछड़े वर्गों से बड़े पैमाने पर समर्थन प्राप्त किया और सोनिया गांधी की मौजूदगी में बेंगलुरू में आयोजित एक बड़ी बैठक में कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बादामी से चुनाव लड़ने के बारे में बताते हुए कहा, "मैंने स्थानीय नेताओं और पार्टी आलाकमान के कहने पर बादामी से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लोकल नेताओं ने मुझसे कहा है कि आपको यहां प्रचार करने की जरूरत नहीं है। आप बस नामांकन कर दें, बाकी हम देख लेंगे। मैंने उनके कहने पर यहां से नामांकन कर दिया है।" सिद्धारमैया ने कहा, "मुझे जीत का पूरा भरोसा है। सूबे में कांग्रेस की सरकार फिर से बनेगी। बादामी को विकास की राह में पहले नंबर पर रखेंगे।"

कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2018 में बादामी सीट से कांग्रेस की ओर से जहां सिद्धारमैया चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं भाजपा ने बी. श्रीरामुलु को अपना उम्मीदवार बनाया है। श्रीरामुलु को कर्नाटक के सबसे अमीर राजनेताओं के रूप में जाना जाता है और वह खनन कारोबारी जर्नादन रेड्डी के करीबी हैं। वहीं दोनों मुख्य पार्टियों के अलावा जनता दल (सेक्युलर) के हानामंत बी. मावानीमार्ड, रानी चनम्मा पार्टी के कुलकर्णी रवि समेत 13 उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2018 के लिए मतदान 12 मई को होगा और वोटों की गिनती 15 मई को होगी।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Karnataka Assembly Election 2018 News in Hindi के लिए क्लिक करें लोकसभा चुनाव 2024 सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement