नई दिल्ली: कर्नाटक चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को ‘‘असामान्य और अभूतवपूर्व’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भाजपा कर्नाटक की विकास यात्रा को ‘किसी को रौंदने’’ नहीं देगी। प्रधानमंत्री ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कर्नाटक की विजय असामान्य है, अभूतपूर्व है। इसके लिए वह पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का अभार व्यक्त करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह जीत इस मायने में महत्वपूर्ण है कि ऐसी छवि बना दी गई थी कि भाजपा उत्तर भारत की पार्टी है, हिन्दी भाषी क्षेत्र की पार्टी है। अब न गुजरात हिन्दी भाषी है, न असम, न गोवा, न पूर्वोत्तर का ही कोई क्षेत्र हिन्दी भाषी है। लेकिन लोगों में यह धारणा बनाने का प्रयास किया गया, एक झूठ फैलाया गया।
मोदी ने कहा, ‘‘इस प्रकार की विकृत सोच वाले लोगों को कर्नाटक की जनता ने झटका दिया है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दुस्तार के हर क्षेत्र के लोगों और उनकी समस्याओं को सुलझाने के प्रति समर्पित पार्टी है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को समर्पित पार्टी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ भाजपा किसी को कर्नाटक की विकास यात्रा को रौंदने नहीं देगी।’’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक के उज्ज्वल भविष्य के लिये भाजपा कहीं भी पीछे नहीं रहेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक चुनाव परिणाम में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उभरी है। भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन बहुमत के आंकड़े से कुछ सीटे पीछे है। इसी बीच कांग्रेस ने कहा है कि वह सरकार के गठन के लिए जद (एस) को समर्थन दिया और जद एस ने राज्यपाल से मुलाकात कर बहुमत साबित करने का मौका देने का आग्रह किया है। इससे पहले भाजपा ने भी राज्यपाल के समक्ष प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
भाजपा ने 100 सीटें जीती है और चार पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है और एक पर आगे चल रही है। जद (एस) ने 37 सीट जीत ली है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के इतने सालों तक जो दल केंद्र में सत्ता में रहा हो, इतने वर्षो तक देश को चलाया हो, जिसमें इतने दिग्गज नेता रहे हो.... क्या कोई सोच सकता था कि चुनाव जीतने, तुच्छ स्वार्थ के लिए भारत के संविधान, संघीय ढांचे पर वह चोट पहुंचायेगी?
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच तनाव पैदा करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत-हार होती रहेगी लेकिन देश के मूलभूत अधिष्ठानों पर चोट चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का कई बार मलाल रहा कि उन्हें कुछ राज्यों की भाषा नहीं आती। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने भाषा के भेद को समाप्त किया और प्रचार के दौरान 45-47 डिग्री धूप में उनकी बातें ध्यान से सुनी।
कर्नाटक चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति को सराहा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को सौ-सौ सलाम।