Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018
  4. कांग्रेस-JDS गठबंधन में अंतर्निहित विरोधाभास की वजह से कर्नाटक में वापसी करेगी भाजपा: पार्टी नेता

कांग्रेस-JDS गठबंधन में अंतर्निहित विरोधाभास की वजह से कर्नाटक में वापसी करेगी भाजपा: पार्टी नेता

तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार के नाटकीय तरीके से गिरने को पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है। विपक्षी पार्टियों का दावा था कि भाजपा ने उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह विफल रही...

Reported by: Bhasha
Published on: May 20, 2018 19:30 IST
A poster of Congress President Rahul Gandhi and JD(S) chief...- India TV Hindi
A poster of Congress President Rahul Gandhi and JD(S) chief HD Kumarswamy

नई दिल्ली: भाजपा का मानना है कि वह कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन में ‘अंतर्निहित विरोधाभासों’ की वजह से राज्य में वापसी कर सकती है। राज्य में तीन दिनों तक सत्ता को लेकर चली रस्साकशी बी एस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से कल इस्तीफा देने के बाद समाप्त हुई। वह पद पर बने रहने के लिए सात अतिरिक्त विधायकों का समर्थन जुटाने में नाकाम रहे। पार्टी के एक नेता ने 2019 के लोकसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम भले ही लड़ाई हार गए हों, लेकिन हम जंग जीतेंगे।’’

भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि कर्नाटक में सरकार बनाने का उनका प्रयास दो कारकों से प्रेरित था-पहला, उनका मानना था कि जनादेश पार्टी के पक्ष में है। दूसरा, राज्य में उसकी सरकार होने से दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में उसकी राजनैतिक सफलता की संभावनाओं को बल मिलता। कर्नाटक को छोड़कर भगवा पार्टी किसी अन्य दक्षिणी राज्य में गंभीर चुनौती पेश नहीं कर पाई है। उनका मानना है कि मतदाताओं के एक हिस्से और खासतौर पर लिंगायतों का भाजपा के पीछे लामबंद होना उसे राज्य में प्रमुख ताकत बनाए रखेगी।

तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार के नाटकीय तरीके से गिरने को पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है। विपक्षी पार्टियों का दावा था कि भाजपा ने उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह विफल रही। भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया है। यद्यपि कर्नाटक में सरकार बनाने की उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है, लेकिन भाजपा का मानना है कि कई कारक राज्य में उसकी वापसी में मदद करेंगे।

भाजपा के एक नेता ने कहा कि जद (एस) और कांग्रेस राज्य में एक-दूसरे के मुख्य राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हैं और उनके समर्थक समूहों के ‘प्रतिस्पर्धी हितों’ की वजह से जमीनी स्तर पर उनका गठबंधन सफल नहीं रहेगा। भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच मिलनसारिता से उनका मत आधार मजबूत नहीं होगा, खासतौर पर जब उन्होंने हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ काम किया है। इस गठबंधन में अंतर्निहित विरोधाभास है।’’

उन्होंने बताया कि चुनाव में ज्यादातर जद (एस) उम्मीदवारों के मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रत्याशी रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा की उपस्थिति पुराने मैसूर क्षेत्र, वोक्कालिंगा के क्षेत्र और जद (एस) के गढ़ तक सीमित है। दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच गठबंधन क्षेत्र में और स्थानों पर कब्जा जमाने में भाजपा की मदद करेगा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा का मानना है कि दो चिर प्रतिद्वंद्वियों-जद (एस) और कांग्रेस के हाथ मिलाने से लिंगायत और कुछ अन्य समूह भगवा पार्टी के पीछे और लामबंद होंगे।

कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन 224 सदस्यीय विधानसभा में 117 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है। हालांकि, विधानसभा की 222 सीटों पर ही चुनाव कराए गए थे और कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीते हैं। दो सीटों पर चुनाव बाद में कराए जाने हैं।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Karnataka Assembly Election 2018 News in Hindi के लिए क्लिक करें लोकसभा चुनाव 2024 सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement