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त्रिशंकु कर्नाटक विधानसभा के बाद चर्चा के केंद्र में आए राज्यपाल वजुभाई वाला ने कभी मोदी की खातिर कुर्बान की थी अपनी विधायकी

मोदी के करीबी समझे जाने वाले 79 वर्षीय वाला राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के पुराने स्वयंसेवक हैं और उनके नाम पर गुजरात के वित्त मंत्री के तौर पर 18 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है...

Edited by: India TV News Desk
Published on: May 15, 2018 23:31 IST
Karnataka Governor Vajubhai Vala and PM Modi- India TV Hindi
Karnataka Governor Vajubhai Vala and PM Modi

अहमदाबाद: कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने के बाद अपनी भूमिका को लेकर चर्चा के केंद्र में आए राज्यपाल वजूभाई वाला ने गुजरात में कभी अपनी विधानसभा सीट छोड़ दी थी ताकि उस समय पहली बार मुख्यमंत्री बने नरेंद्र मोदी 2001 में अपना पहला चुनाव लड़ पाएं। भाजपा तथा कांग्रेस एवं जदएस के चुनाव पश्चात गठबंधन, दोनों ने ही कर्नाटक में सरकार गठन का दावा पेश किया है। इन दोनों पक्षों के नेता आज शाम बेंगलुरु में राजभवन में वाला से मिले थे।

मोदी के करीबी समझे जाने वाले 79 वर्षीय वाला राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के पुराने स्वयंसेवक हैं और उनके नाम पर गुजरात के वित्त मंत्री के तौर पर 18 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। भाजपा की गुजरात इकाई में संकट प्रबंधक की छवि अर्जित कर चुके वाला 1990 के दशक के मध्य में तब प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था जब शंकरसिंह वाघेला ने बगावत कर दी थी और केशुभाई पटेल सरकार गिर गई थी।

वह गुजरात के वित्त मंत्री के रुप में 2002 से 2012 तक मोदी के बाद दूसरे नंबर पर थे। केशुभाई पटेल के दौर में भी उनका यही दर्जा था। वाला ने अपने गृह नगर राजकोट से आरएसएस के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। तब वह जनसंघ से जुड़े और आपातकाल में जेल में भी गए। जब वह 1980 के दशक में राजकोट के महापौर बने तब निम्न वर्षा के कारण उस क्षेत्र में पानी की भयंकर कमी हो गयी थी। उन्होंने शहर के लोगों के वास्ते ट्रेन से पानी मंगवाया जो शायद पहली बार ऐसा हुआ था कि देश में पानी ले जाने के लिए ट्रेन की सेवा ली गई। वह ‘पानीवाला महापौर’ के तौर पर विख्यात हो गए।

वाला भाजपा के अहम चेहरों में एक के तौर पर उभरे। 2001 में केशुभाई पटेल के स्थान पर मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। चूंकि तब वह विधायक नहीं थे, ऐसे में उन्हें छह महीने के अंदर कोई चुनाव जीतना था, जबकि उस समय राज्य कच्छ के भयंकर भूकंप के प्रभावों से जूझ रहा था।

सुरक्षित सीट की अपनी खोज में मोदी की नजर अहमदाबाद के पालदी निर्वाचन क्षेत्र पर गई लेकिन वहां के तत्कालीन विधायक हरेन पांड्या ने सीट खाली करने से मना कर दिया। वाला ने मोदी के लिए अपनी सीट राजकोट (पश्चिमी) की पेशकश की और मोदी वहां से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। राजकोट पश्चिमी भी भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में एक थी। वाला को 2012 में विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया।

मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तब वाला गुजरात के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन पार्टी ने इस पद के लिए आनंदीबेन पटेल को चुना। बाद में वाला कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त किए गए।

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