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येदियुरप्पा की शपथ, अब बहुमत का 'अग्निपथ', नंबर गेम में कैसे पास होगी बीजेपी?

बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन आंकड़ों को पक्ष में करने के लिए खास योजना है। बीजेपी को विपक्षी दलों के उन लिंगायत विधायकों से उम्मीद है जो कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल गठबंधन से नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि इसका मुखिया वोकलिंगा समुदाय के कुमारस्वामी को बनाया गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 17, 2018 10:20 IST
BJP begins Operation Kamala- India TV Hindi
येदियुरप्पा की शपथ, अब बहुमत का 'अग्निपथ', नंबर गेम में कैसे पास होगी बीजेपी?

नई दिल्ली: राजभवन के न्योते से लेकर सुप्रीम कोर्ट की मिडनाइट सुनवाई और अब बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के बाद भी कर्नाटक का नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आज येदियुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली जिसके बाद बेंगलुरू में सियासी पारा चढ़ गया है। एक ओर बीजेपी कर्नाटक में सरकार बनाने का जश्न मना रही है तो दूसरी ओर येदियुरप्पा को शपथ दिलाने के विरोध में पूर्व सीएम सिद्धरामैया समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। रिसॉर्ट में रुके कांग्रेसी विधायक भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए विधानसभा पहुंचे। इसके अलावा जेडीएस के विधायक भी येदियुरप्पा के शपथ के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए।

बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन आंकड़ों को पक्ष में करने के लिए खास योजना है। बीजेपी को विपक्षी दलों के उन लिंगायत विधायकों से उम्मीद है जो कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल गठबंधन से नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि इसका मुखिया वोकलिंगा समुदाय के कुमारस्वामी को बनाया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि कांग्रेस के टिकट पर 21 और JDS के टिकट पर 10 लिंगायत विधायक जीतकर आए हैं। ऐसे में जितने भी लिंगायत विधायक इन दलों से टूटकर बीजेपी में जाएंगे, उताना ही फायदा बीजेपी को होगा।

वहीं बीजेपी, राज्‍यपाल ये से आग्रह कर सकती है पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्‍त समय दिया जाए और विश्‍वासमत के परीक्षण से पहले कुमारस्‍वामी जीती गई अपनी दोनों सीटों में से एक सीट से इस्‍तीफा दें। इसके चलते एक सीट कम होने के कारण बहुमत का आंकड़ा 111 तक पहुंच सकता है, जो‍कि बीजेपी के लिए मददगार होगा।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का प्‍लान बी ये है कि यदि उसका पहला प्‍लान फेल हो जाता है तो विश्‍वासमत परीक्षण के दौरान वह कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायक किसी तरह सदन में उपस्थित नहीं रहें। यानी वे विश्‍वास मत के दौरान गैरमौजूद रहें।

इससे यह होगा कि सदन में बहुमत का अपेक्षित आंकड़ा 222 में से 15 कम हो जाएगा। स्‍पष्‍ट है कि बीजेपी के इस वक्‍त 104 विधायकों के लिहाज से यह आंकड़ा बहुमत के लिए एकदम सटीक होगा और बीजेपी अपना बहुमत साबित करने में कामयाब हो जाएगी।

राज्य में 12 मई को 222 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए चुनाव में बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडी(एस) को अपनी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ 38 सीटों पर जीत हासिल हुई है। ऐसे में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है।

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