बेंगलुरू: कर्नाटक चुनाव की तारीखों का ऐलान होते हैं राज्य में राजनीति तेज हो गई है। जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर और अक्रामक होती जा रही है। हाल ही में दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पहुंची हैं। जहां एक तरफ बीजेपी ने सिद्धरमैया पर पैसा बांटने का लगाया आरोप है तो वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के कर्नाटक में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की है।
वहीं राज्य में चुनाव प्रचार करने आए अमित शाह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के लिए कहा कि उनका वक्त समाप्त होने वाला है। शाह ने यह भी कहा कि यदि उन्हें लगता हैकि भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर भगवा विचारधारा को रोका जा सकता है, तो वह गलत हैं। शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से ‘‘अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा’’ लगेगा।
भाजपा की ‘नव शक्ति समावेश’ रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यहां कहा, ‘‘कहा जाता है कि भाजपा यहां (पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्दरमैया जी और जेडीएस को इस (पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा।’’ शाह ने पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत की, जहां पिछले चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं। वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल 26 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्दरमैया का गृह क्षेत्र है। सिद्दरमैया मैसूर के रहने वाले हैं।