दावणगेरे (कर्नाटक): कर्नाटक में आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य की सिद्धारमैया सरकार पर जमकर हमला बोला। शाह ने जहां सिद्धारमैया सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान अमित शाह की जुबान फिसल गई जिस पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर बीजेपी का मजाक उड़ाया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शाह और बीजेपी पर तंज कसा।
कर्नाटक की दो दिवसीय यात्रा पर आए शाह ने कहा, 'भ्रष्टाचार के लिए अगर स्पर्धा कर ली जाए तो येदुरप्पा सरकार को भ्रष्टाचार में नंबर वन सरकार का अवॉर्ड मिलना चाहिए।' बीजेपी अध्यक्ष ने जिस दौरान यह बयान दिया उस समय खुद येदियुरप्पा भी उनके बगल में बैठे हुए थे।
अपनी गलती का एहसास होने के तुरंत बाद उन्होंने खुद को सही किया और कहा कि उनका अर्थ वर्तमान की सिद्धारमैया सरकार से था। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के लोगों को समझ आ चुका है कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है। हाल में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने कहा था कि यदि देश में भ्रष्टाचार को लेकर कोई प्रतिस्पर्धा हो तो सिद्धारमैया सरकार को नंबर वन का अवॉर्ड मिलेगा।’’
वहीं, शाह के गलती से दिए इस बयान पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर बीजेपी का मजाक बनाना शुरू कर दिया। कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल की इंचार्ज दिव्या स्पंदना ने शाह के बयान की क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा,'कौन जानता था कि अमित शाह भी सच बोल सकते हैं और अमित जी हम सभी आपसे सहमत है कि बीजेपी और येदियुरप्पा सबसे भ्रष्ट हैं।' इसके अलावा कई और लोगों ने भी सोशल मीडिया पर के शाह के इस बयान का मजाक उड़ाया।
शाह के इस बयान के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, 'अब क्योंकि बीजेपी आईटी सेल ने कर्नाटक चुनाव की घोषणा कर दी है तो टॉप सीक्रेट कैंपेन विडियो भी देख लिया जाए। यह बीजेपी अध्यक्ष की तरफ से गिफ्ट है। कर्नाटक में हमारे कैंपेन की अच्छी शुरुआत हुई है। वह कहते हैं कि येदियुरप्पा ने आजतक की सबसे भ्रष्ट सरकार चलाई है।'
अमित शाह ने आज कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है और देश में‘‘ सबसे भ्रष्ट’’ सरकारों में शामिल है। शाह ने कहा कि लिंगायतों और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का राज्य सरकार का कदम हिंदुओं को बांटने की कोशिश है। शाह ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कर्नाटक में (विधानसभा) चुनावों से ठीक पहले लिंगायतों और वीरशैवों के लिए अल्पसंख्यक दर्जे की घोषणा कर उन्होंने लिंगायतों और वीरशैवों, लिंगायतों एवं अन्य समुदायों को बांटने की कोशिश की है।’’इस कदम के वक्त पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सिद्दारमैया सरकार से पूछा, ‘‘आप पांच साल से क्या कर रहे थे?’’