रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को अपनी हार स्वीकार कर ली और रात्रि साढ़े सात बजे राजभवन जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। साथ ही उन्होंने भाजपा की करारी हार के लिए सरकार में सहयोगी आजसू से गठबंधन नहीं हो पाने को एक बड़ा कारण बताया। मुख्यमंत्री ने राजभवन से निकलते हुए मीडिया से कहा, ‘‘मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया है और उन्होंने मुझे नयी सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहने को कहा है।’’ मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वह जनता के आदेश को सहर्ष स्वीकार करते हैं लेकिन इस हार को उन्होंने पार्टी की नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत हार बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ा जबकि दूसरी तरफ भाजपा अपने सरकार में सहयोगी आजसू से गठबंधन नहीं कर सकी। इसका हमें भारी नुकसान उठाना पड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव परिणामों की हर पहलू से समीक्षा करेगी और सभी कारणों की पहचान अवश्य की जायेगी। भाजपा और आजसू के बीच नये झारखंड के निर्माण के बाद से ही लगातार सभी चुनावों में गठबंधन रहा है लेकिन इस बार चुनाव में वे एकजुट नहीं हो सके और एक-दूसरे के नेताओं को टिकट दिये। दोनों दल 52 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े। कम से कम 12 से 15 सीटें ऐसी थीं जिन पर दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से वे सीटें भाजपा और आजसू के पक्ष में जातीं लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने से ये सीटें दोनों के खिलाफ और विपक्ष के पास चली गयीं।
दिन में दास ने यहां भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘ यह मेरी व्यक्तिगत हार है। यह भाजपा की हार नहीं है।’’ उन्होंने चुनाव परिणामों और रुझानों पर कहा था, ‘‘लगता है कि भाजपा विरोधी सभी मतों का ध्रुवीकरण हो गया है और उनके एकजुट हो जाने से ही हमें हार का सामना करना पड़ा है।’’ अपनी हार के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा था, ‘‘हमारी विधानसभा में अभी आधी ही गणना हुई है और मुझे अभी भी उम्मीद है कि मैं जीतूंगा।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में रघुवर दास ने कहा था, ‘‘लोकतंत्र में जनता का आदेश शिरोधार्य होता है। अतः जो भी जनादेश मिलेगा उसका हम सहर्ष स्वागत करेंगे।’’
उन्होंने कहा था कि पूरा परिणाम आने के बाद ही वह मीडिया से विस्तार से बातचीत करेंगे। इस बीच, उन्हें चुनौती देने वाले उन्हीं के मंत्रिमंडलीय सहयोगी सरयू राय ने कहा कि अब रघुवर दास न तो जीतने वाले हैं और न ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उनका टिकट कटवा कर उन्होंने जिस तरह उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचायी गयी उसी के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठानी थी।