झारखंड चुनावों की गर्मा गर्मी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के धनबाद में एक विशाल रैली को संबोधित किया। रैली के दौरान नागरिकता संशोधन बिल की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो भारत के टुकड़े हो गए, भारत मां की भुजाएं काट दी गई। इसके बाद 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। दोनों बार सबसे अधिक प्रभावित कौन हुए, दोनोें बार सबसे अधिक प्रभावित वो लोग हुए जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक थे। इन अल्पसंख्यकों का ध्यान रखने का समझौता तो हुआ था लेकिन ख्याल नहीं रखा गया। इन देशों में अधिकतर अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी और सिख थे और अनेकों पीढ़ियों से वहां रह रहे थे, इन्होंने अलग देश की मांग भी नहीं की थी। उसपर यह फैसला 47 में थोपा गया।
रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में जो दलित वंचित शोषित रह गए थे उनके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ, उनके मंदिरों, गुरुद्वारा, चर्च संकट में आ गए। घर तो उनके पास थे नहीं, झोंपड़ियों में जिंदगी गुजार रहे थे उनपर भी कब्जा कर लिया, बहू बेटियों पर अत्याचार हुए, यही स्थिति वहां रह रहे सिखों की थी। ऐसे लोग दशकों से भारत के अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं। उनको राजनीति के लिए उपयोग तो किया गया लेकिन उनको नागरिकता के लिए सिर्फ वादे मिले।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि हर चुनाव से पहले कांग्रेस के किसी ने किसी नेता ने यह बयान दिया है वादा किया है कि उनकी सरकार बनेगी तो बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हुए विस्थापितों को नागरिक अधिकार देंगे। लेकिन कल आपने देखा फिर पटल गए।