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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर सभी दलों के अंदर 'संघर्ष' तेज है। कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं है और वहां भी बगावत के सुर उठने लगे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर नेताओं एवं कार्यकर्ताओं नाराजगी सड़क पर दिखने लगी है। टिकट बंटवारे से असंतुष्ट कई नेताओं ने न सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, बल्कि बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में भी उतर गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं का हंगामा
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की थी। प्रदेश प्रभारी आऱ पी़ एन. सिंह के सामने ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारे लगाए। हंगामा करनेवाले कार्यकर्ताओं का आरोप था कि टिकट बेचा जा रहा है। कांग्रेस ने गठबंधन के तहत रांची सीट जेएमएम को दिया गया है, जबकि हटिया से अजय नाथ शाहदेव और कांके से राजीव कुमार को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं।
मानस सिन्हा ने नाम लिया वापस, कांग्रेस को राहत
इस बीच राहत की बात यह कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने भवनाथपुर विधानसभा सीट से अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने बतौर निर्दलीय पर्चा भरा था। नाम वापस लेने की शनिवार को अंतिम तिथि थी। भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण में मतदान होना है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू टिकट बंटवारे से असंतुष्ट होकर ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आसजू) के टिकट पर घाटशिला क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
बोकारो, हजारीबाग और गुमला में भी विरोध
इसके आलावा बोकारो, लोहरदगा, हजारीबाग, गुमला और पश्चिम सिंहभूम में भी कांग्रेस के अंदर विरोध शुरू हो गया है। लोहरदगा और हजारीबाग में जिला अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि गुमला और पश्चिम सिंहभूम में पार्टी की समूची समिति ही पार्टी छोड़ चुकी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि चुनाव के दौरान हर पार्टी में टिकट बंटवारे से कुछ लोग असंतुष्ट रहते हैं। समय आने पर सबकुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा मान गए।