कुरुक्षेत्र: हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को तगड़ा झटका देते हुए पार्टी के उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने अपने समर्थकों के साथ संगठन की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। अरोड़ा का राजनीतिक करियर 35 वर्षों का है और वह 20 साल से अधिक समय तक इनेलो की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष रहे।
‘पंजाबी धर्मशाला’ में यहां समर्थकों और सहयोगियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा की। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि वह भारी दिल से पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि पार्टी के संरक्षक ओम प्रकाश चौटाला ने उन्हें अपने बेटों की तरह प्यार और सम्मान दिया। उन्होंने बताया कि राजनीतिक परिस्थितियों ने उन्हें यह निर्णय करने पर मजबूर किया है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की बहुत अधिक भूमिका नहीं है, इसलिए राष्ट्रीय पार्टी में जाना समय की जरूरत है।’’ अरोड़ा ने कहा कि वह चौटाला से मिल कर पार्टी छोड़ने के लिए उनसे क्षमा याचना करेंगे और अपने भविष्य के राजनीतिक करियर के लिए उनसे आशीर्वाद लेंगे।
ऐसी खबरें हैं कि अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के बाद ही वह निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि वह उन नेताओं की तरह नहीं हैं जो पहले चौटाला और फिर कुलदीप बिश्नोई और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे कांग्रेस नेताओं के साथ बने रहे और अंतत: भाजपा में शामिल हो गए।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार अगर अरोड़ा भाजपा के अलावा किसी भी पार्टी में शामिल होते हैं, तो यह न केवल कुरुक्षेत्र जिले के विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्य के कई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी इसका असर दिखेगा क्योंकि उन्हें पंजाबी समुदाय का एक कद्दावर नेता माना जाता है।