नई दिल्ली: हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और हरियाणा इलेक्शन वॉच (एचईडब्ल्यू) ने 13वीं विधानसभा के विधायकों के प्रदर्शन को दर्शाया है। 91 सदस्यों वाले सदन में से केवल 75 विधायकों ने ही प्रश्न पूछे, जबकि 16 विधायकों ने कोई प्रश्न नहीं पूछा।
कुल 174 विधेयकों में से 170 पास हुए, जोकि 98 प्रतिशत के साथ प्रभावशाली रहा। यह आकंड़ा सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत और विपक्ष के बिखरे होने को उजागर करता है।
चुनाव वॉचडॉग्स (एडीआर और एचईडब्ल्यू) के मुताबिक, 91 सदस्यों वाले सदन में से केवल 75 विधायकों ने ही प्रश्न पूछे। जबकि 16 विधायकों ने कोई प्रश्न नहीं पूछा। यदि प्रश्न पूछा जाना विधायकों के प्रदर्शन का पैमाना माना जाए तो कांग्रेस की तोशाम निर्वाचन क्षेत्र की विधायक किरण चौधरी 225 प्रश्नों के साथ शीर्ष पर रहीं।
उनके बाद डबवाली विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल की नैना सिंह चौटाला का स्थान है। प्रश्न पूछे जाने को लेकर शीर्ष दस नेताओं की बात की जाए तो सत्तारूढ़ भाजपा की सिर्फ एक विधायक प्रेम लता का नाम सामने आता है।
लेकिन 16 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने न ही राज्य के बारे में और न ही अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों के बारे में एक भी सवाल पूछने की जहमत उठाई। इस सूची में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और भाजपा प्रवक्ता कैप्टन अभिमन्यु के नाम भी शामिल हैं।
एडीआर का नेतृत्व कर रहे सेवानिवृत्त मेजर जनरल अनिल वर्मा ने कहा, "मुझे नहीं पता कि वे सवाल पूछने के लिए उत्सुक क्यों नहीं हैं। कई मामलों को लेकर यह खुशहाल प्रदेश नहीं है।"