नयी दिल्ली: दिल्ली में शनिवार को एक ओर जहां बड़ी संख्या में मतदाताओं ने ''लोकतंत्र के पर्व'' में हिस्सा लिया, वहीं दूसरी ओर मतदाता सूची में नाम न होने के कारण कुछ नागरिकों को भारी मन के साथ वापस लौटना पड़ा। सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के केन्द्र शाहीनबाग में कुछ मतदाताओं ने अपना नाम मतदाता सूची में न होने की शिकायत की। चुनावी ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी ने बताया, ''ओखला सीट में आने वाले शाहीन बाग में कुछ लोग मतदान नहीं कर सके क्योंकि उनके नाम या तो मतदाता सूची से हटा दिये गए थे या गलत पाये थे।''
सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मतदाता वकील मलिक ने दावा किया कि उनकी मां जरीना का नाम मतदाता सूची में नहीं था, इसलिये वह मतदान नहीं कर सकीं। मलिक ने अफसोस जताते हुए कहा, ''लोकसभा चुनाव के दौरान मेरी मां का नाम मतदाता सूची में था। मुझे नहीं पता कि उनका नाम क्यों हटा दिया गया। वह इस बार मतदान को लेकर उत्सुक थीं।'' सीलमपुर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अब्दुल रहमान की पत्नी तथा पूर्व निगम पार्षद आसमा रहमान ने आरोप लगाया कि इस बार कई मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में नहीं था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि चौहान बांगर और जाफराबाद की गली नंबर 26 समेत कुछ इलाकों में मतदाता पर्चियां सही ढंग से नहीं बांटी गईं। कृष्णानगर विधानसभा क्षेत्र में 34 वर्षीय फलाह-उद-दीन फलाही ने भी दावा किया कि उन्हें मतदाता सूची में अपना नाम नहीं मिला। उन्होंने कहा, ''मेरे पास मतदाता पहचान पत्र है। मैंने लोकसभा चुनाव और दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में भी मतदान किया था। मैं पहली बार मतदान नहीं कर सका।''