नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में धांधली रोकने के लिए राज्य निर्वाचन कार्यालय ने कई कड़े फैसले लिए हैं। इन्हीं के तहत एक कड़ा फैसला है कि भले ही किसी के पास मतदाता पहचानपत्र क्यों न हो, अगर उसका नाम वोटर-लिस्ट में दर्ज नहीं हुआ तो उसे मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा। यह कसरत निष्पक्ष चुनाव के मद्देनजर की जा रही है।
ऐसे ही तमाम सवालों पर आईएएनएस टीवी के साथ विशेष बातचीत के दौरान राज्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने यह जानकारी दी। मतदाता पर्चियों में धांधली के सवाल पर डॉ. रणबीर सिंह ने कहा, "कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं छोड़ी है तो फिर गड़बड़ी का प्रश्न ही नहीं पैदा होता। मतदाता सूची का 'समरी-रिवीजन' (समीक्षा) कार्य 15 नवंबर, 2019 से शुरू कर दिया गया था। इस पर आपत्तियां मंगाए जाने का काम भी 16 दिसंबर, 2019 को पूरा हो चुका है।
मतदाता सूचियों का प्रकाशन छह जनवरी तक पूरा कर लिए जाने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने की गुंजाइश इसके बाद भी बरकरार रखी जाएगी, ताकि कोई भी बाजिव मतदाता लोकतंत्र के इस पर्व में अपने हक का इस्तेमाल करने से बचा न रहने पाए।"
दिल्ली राज्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि इस विधानसभा चुनाव में राज्य निर्वाचन कार्यालय मतदान प्रक्रिया के दौरान 'अपनों पर भी पैनी नजर' रखने के लिए कटिबद्ध है। जनता खुद भी मतदान पर नजर रख सके इसके लिए चुनाव कार्यालय ने बाकायदा 'सी-विजील' का इंतजाम किया है, ताकि कोई भी आम आदमी चुनाव के दौरान या उससे संबंधित कोई भी शिकायत सीधे राज्य मतदान कार्यालय को कर सके।
इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सख्ती का आलम यह होगा कि उन मतदाता पहचानपत्र धारकों को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं पाया जाएगा। दिल्ली राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, "इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब एक करोड़ 46 लाख 92 हजार 136 से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं, ऐसी प्रबल संभावनाएं हैं।"
डॉ. रणबीर सिंह ने कहा, "ज्यादा से ज्यादा मतदाता मताधिकार का उपयोग कर सकें इसके लिए प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। क्रिकेटर ऋषभ पंत और टेबिल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा इस बार के विधानसभा चुनाव के 'आईकॉन' होंगे। इस बार आसान, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान पर हमारा विशेष ध्यान है।'
मतदाता सूचियों के बाबत बात करते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, "सितंबर, अक्टूबर में मतदाता सूची सत्यापन कार्य 100 फीसदी पूरा हो चुका है। 91-92 फीसद मतदाता सूचियां सत्यापन में दुरुस्त पाई गईं। जहां तक बाकी बची आठ या नौ फीसदी मतदाता सूचियों का सवाल है तो इनमें वे मतदाता हैं, जिनकी या तो मौत हो चुकी है या कुछ अपने पते से अन्यत्र जा चुके हैं और कुछ के मकानों पर ताले पड़े मिले।"
चुनावी तैयारियों के बारे में बातचीत करते हुए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, "पहली बार मतदान के अधिकार का उपयोग करने वालों की सहूलियत को ध्यान में रखकर दिल्ली के कोने-कोने में चुनाव अधिकारी और कर्मचारी ईवीएम के साथ पहुंच रहे हैं। ईवीएम पर वोट कैसे करना है यह सब सिखाया जा रहा है।"