नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली अलका लांबा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर अलका लांबा ने यहां से 18287 वोटों से बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अलका लांबा को केवल 3881 वोट ही मिले। आम आदमी पार्टी के प्रहलाद सिंह ने 29584 वोटों के साथ एक बड़ी जीत हासिल कर यह सीट अपनी पार्टी के पास बरकरार रखने में सफलता पाई है।
चुनाव आयोग के मुताबिक चांदनी चौक विधानसभा सीट पर कुल 77199 वोट पड़े, जिसमें से आम आदमी पार्टी के प्रहलाद सिंह के खाते में 50891 यानी 65.92 प्रतिशत वोट गए। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार सुमन कुमार गुप्ता के खाते में 21307 यानी 27.6 प्रतिशत वोट आए। कांग्रेस की अलका लांबा को केवल 3881 यानी 5.03 प्रतिशत वोट मिले।
2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो उस समय चांदनी चौक विधानसभा से कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। उन चुनावों में कांग्रेस ने इस विधानसभा से कुल 33440 वोट बटोरे थे जबकि बीजेपी 28754 वोट ही पा सकी थी। आम आदमी पार्टी की हालत बेहद खस्ता थी और उसे सिर्फ 9152 वोट मिले थे। लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीटों पर कब्जा जमाया था और चांदनी चौक लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जीत दर्ज की थी। बता दें कि चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र इसी नाम के लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
2015 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने एक बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने 36756 वोटों पर अपना कब्जा जमाया था और बीजेपी एवं कांग्रेस उम्मीदवारों के कुल वोटों से भी ज्यादा वोट हासिल किए थे। 2015 में दूसरे नंबर पर रहीं बीजेपी उम्मीदवार सुमन कुमार गुप्ता को 18469 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह को 17930 वोट मिले थे। इन चुनावों में अलका लांबा जहां कांग्रेस की तरफ से लड़ रही हैं, वहीं प्रह्लाद सिंह को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है।