नई दिल्ली| दिल्ली भाजपा ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया, लेकिन जिन पूर्वाचल वोटों के सहारे भाजपा को दिल्ली चुनाव में आस है, उन्हीं को टिकट देने में पार्टी ने कंजूसी दिखा दी है। अब तक घोषित 57 उम्मीदवारों में सिर्फ आठ पूर्वाचली उम्मीदवार हैं, जबकि पार्टी की ओर दावा किया गया था कि इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में पूर्वाचली उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा।
दिल्ली में 40 फीसदी के करीब पूर्वाचल के वोटर हैं। लगभग 25 से 30 विधानसभा सीटों पर इनकी संख्या निर्णायक है। उधर आम आदमी पार्टी ने 12 पूर्वाचली उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों से पूर्वाचल के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, इसमें लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा को, विकासपुरी से सजय सिंह को, मॉडल टाउन से कपिल मिश्रा, द्वारका से प्रद्युम्न राजपूत, बादली से विजय भगत, रिठाला से मनीष चौधरी, पालम से विजय पंडित और सीलमपुर से कौशलेंद्र मिश्रा हैं।
विधानसभा चुनाव में पूर्वाचल फैक्टर का आलम यह है कि भोजपुरी गाने पर भी वार-पलटवार हो रहा है। अरविंद केजरीवाल ने मनोज तिवारी के गाने को लेकर न सिर्फ निशाना साधा, बल्कि उसे अपनी पार्टी के कैंपेन में भी शामिल किया। भाजपा भी इसे पूर्वाचली स्वाभिमान से जोड़ना शुरू कर दिया है। मनोज तिवारी खुद सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। पार्टी ने संकेत दिया है कि आगे आनेवाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जाएगा। बावजूद इसके भाजपा अपनी पुरानी परिपाटी को बदल नहीं पा रही है। गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने सिर्फ आठ पूर्वाचली उम्मीदवारों पर दांव लगाया था। उस समय पार्टी की करारी हार हुई थी, जिसकी मुख्य वजह पूर्वाचली वोटरों का आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ झुकाव माना गया था।