नई दिल्ली: दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव और 2017 के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की ही आंधी थी। 2015 में इस सीट पर आम आदमी पार्टी के वेद प्रकाश की जीत हुई थी। तब उन्हें उन्हें कुल 108928 वोट मिले थे जबकि भाजपा के गुगन सिंह को 58371 वोट मिले और कांग्रेस के सुरेंद्र कुमार को महज 14749 वोट ही मिले। इस तरह से भाजपा और कांग्रेस- दूसरे और तीसरे नंबर पर रही थीं।
AAP ने बदला उम्मीदवार
इसके बाद जब 2017 में बवाना विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तब भी AAP ने जीत हासिल की। तब AAP ने राम चंदर को अपना उम्मीदवार बनाया और पार्टी ने जिस उम्मीद से उन्हें प्रत्याशी बनाया था, उस उम्मीद पर राम चंदर खरे भी उतरे। बवाना विधानसभा सीट पर राम चंदर ने आम आदमी पार्टी को फिर से जीत दिलाई। लेकिन, इन विधानसभा चुनावों में AAP ने उनका टिकट काटकर जय भगवान उपकार को उम्मीदवार बना दिया।
....लेकिन क्या बदल गए समीकरण?
2015 और 2017 में आम आदमी पार्टी की जीत जरूर हुई लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बवाना विधानसभा सीट पर हालत बेहद खराब दिखी। बवाना विधानसभा सीट दिल्ली की उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के दायरे में आती है। लोकसभा चुनाव में बवाना विधानसभा सीट पर कुल 307208 वोट पड़े थे, जिनमें से भाजपा को 104582 वोट मिले थे। वहीं, दूसरे नंबर पर AAP रही थी, जिसे 42005 वोट मिले थे और कांग्रेस 31173 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर खिसक गई थी।
2013 में कैसा था हाल?
2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बवाना सीट पर भाजपा ने बाजी मारी थी। 2015 में भाजपा के जिन गुगन सिंह को हार का सामना करना पड़ा था, दरअसल उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उस समय भाजपा के गुगन सिंह को कुल 68407 वोट मिले थे जबकि AAP के मनोज को 42768 वोट और कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह को 42054 वोट मिले थे। तब यहां कुल 272811 वोट डाले गए थे।
पूरे देश की नजर
इस बार होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है और चुनाव के नतीजे काफी रोचक हो सकते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने 5 साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड तोड़ विकास का दावा कर रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली रिकॉर्ड जीत से उम्मीद बंधी है। कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारा है, ऐसे में देखना होगा कि इस बार दिल्ली में कौन बाजी मारता है।