नयी दिल्ली: दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने शुक्रवार को कहा कि इस विधानसभा चुनाव से दिल्ली को ‘‘एक और शीला दीक्षित’’ मिलने जा रही है। आम आदमी पार्टी छोड़ कर पिछले साल कांग्रेस का दामन थामने वाली 44 वर्षीय लांबा ने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में एकतरफा मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि आप को लोगों को यह समझाने में मुश्किल होगी कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को मैदान में क्यों उतारा है, जिन्हें उसने 2015 में ‘भ्रष्ट’ कहा था। आप ने प्रह्लाद सिंह साहनी को मैदान में उतारा है, जो इसी सीट से 2015 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे।
चुनावी राजनीति में महिला प्रतिनिधियों की कम संख्या पर, लांबा ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा उचित प्रतिनिधित्व पर ध्यान दिया है और इस बार पार्टी ने 10 महिलाओं को मैदान में उतारा है।’’ आप और भाजपा ने क्रमश: नौ और पांच महिलाओं को मैदान में उतारा है। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कद तक पहुंच सकता है, तो लांबा ने इसपर पूरे विश्वास से कहा ‘‘2020 का चुनाव दिल्ली को एक और शीला दीक्षित देगा।’’
इस चुनाव में कांग्रेस पर वंशवादी राजनीति करने और पार्टी के प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देने के आरोप पर, उन्होंने कहा, ‘‘यह सच नहीं है। पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल चांदनी चौक से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने यह सोचकर मुझे यहां से उतारा कि मैंने 25 साल तक जमीन पर काम किया है।’’