छत्तीसगढ़ में चुनाव सर पर हैं। सत्ता हासिल करने के लिए पार्टियों के बीच सियासी जंग शुरू हो गई है। अभी तक हुए तीनों चुनावों में राज्य ने भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखी है। पिछली बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच जीत हार का अंतर मात्र 1 फीसदी का था। इस बार कांग्रेस छोड़ मायावती के साथ मैदान में उतरे अजीत जोगी ने इस बार चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। ऐसे में सभी पार्टियां अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए अपने कद्दावर नेता पर दांव लगा रही है। आइए जानते हैं उन पांच चेहरों के बारे में जो इस चुनाव में या तो किंग या फिर किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे।
रमन सिंह
छत्तीसगढ़ में चाउर वाले बाबा (चावल वाले बाबा) के रूप में प्रसिद्ध रमन सिंह इस साल चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं। राज्य में बृजमोहन अग्रवाल जैसे जमीनी नेताओं के बावजूद एक मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के एक मात्र विकल्प हैं। अपनी साफ छवि और जनउपकारी नीतियों के कारण नक्सल क्षेत्रों में भी रमन की अच्छी पकड़ है। इंडिया टीवी और सीएनएक्स के सर्वे में भी रमन सिंह को 40 फीसदी लोगों ने अपना पहला विकल्प माना है।
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल को अपनी जमीनी पकड़ के चलते काफी पहचान मिली है। वे 2014 से छत्तीगसढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और पाटन विधानसभा से विधायक हैं। राहुल की रैलियों से लेकर पार्टी के प्रत्याशियों तक उनका हर जगह दखल है। हालांकि उनके कार्यकाल में अजीत जोगी जैसे दिग्गज का अलग हो जाना उनकी नाकामियां भी दर्शाता है। लेकिन पिछले दिनों चर्चित सीडी कांड में जेल जाने के बाद से उनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से चढ़ा है।
अजीत जोगी
अजीत जोगी छत्तीगसढ़ का सबसे चर्चित चेहरा है जिसे गांधी परिवार से नज़दीकी के चलते दिल्ली में भी अच्छी पहचान हासिल है। जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री हैं लेकिन न तो वे और न ही कांग्रेस को कभी भी छत्तीसगढ़ में जीत नसीब हुई है। अजीत जोगी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर की थी।1986 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। 2016 में कांग्रेस से बगावत कर जोगी ने अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाई।
चरणदास महंत
मनमोहन सरकार में कृषि राज्य मंत्री रहे चरणदास महंत भी इस बार राज्य की राजनीति में दांव आजमा रहे हैं। अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे महंत राज्य के जांजगीर चांपा क्षेत्र से आते हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें सक्ति विधानसभा सीट से खड़ा किया है। महंत 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। उसके बाद से वे 3 बार सांसद रहे। इस बार के चुनावों में पार्टी स्तर पर उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं।
बृजमोहन अग्रवाल
छत्तीसगढ़ की मौजूदा रमन सरकार में नंबर 2 का ओहदा रखने वाले बृजमोहन अग्रवाल खांटी जमीनी नेता हैं। अग्रवाल समाज से आने के चलते व्यापारी समुदाय में उनका काफी दबदबा है। मध्य प्रदेश के समय से विधानसभा सदस्य रहे अग्रवाल की भाजपा संगठन में भी अच्छी पकड़ है। उन्हें पक्ष-विपक्ष से लेकर बूथ मैनेजमेंट में भी महाराथ हासिल है।
मतगणना की तारीख
छत्तीसगढ़ में चुनाव के दोनों चरण 20 नवंबर तक खत्म हो जाएंगे। लेकिन मतगणना के लिए यहां के लोगों को करीब तीन हफ्ते इंतजार करना होगा। शेष चार राज्यों में मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 11 दिसंबर को मतों की गणना की जाएगी।
पांचों राज्यों में मतदान का पूरा शेडयूल
चुनाव आयोग ने 5 राज्यों यानि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 5 राज्यों में 12 नवंबर से लेकर 7 दिसंबर के दौरान मतदान होगा और वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी। इन 5 राज्यों में से फिलहाल 3 राज्यों यानि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जबकि तेलंगाना में टीआरएस और मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है।
5 राज्यों में चुनाव का पूरा शिड्यूल इस तरह से है
राज्य | नामांकन भरने का अंतिम दिन | नामांकन पत्र की जांच | नामांकन वापस लेने का दिन | मतदान | मतगणना |
मध्य प्रदेश | 9 नवंबर | 12 नवंबर | 14 नवंबर | 28 नवंबर | 11 दिसंबर |
राजस्थान | 19 नवंबर | 20 नवंबर | 22 नवंबर | 7 दिसंबर | 11 दिसंबर |
तेलंगाना | 19 नवंबर | 20 नवंबर | 22 नवंबर | 7 दिसंबर | 11 दिसंबर |
छत्तीसगढ़ | 23 अक्तूबर, 2 नवंबर | 24 अक्तूबर 3 नवंबर | 26 अक्तूबर, 5 नवंबर | 12 नवंबर, 20 नवंबर | 11 दिसंबर |
मिजोरम | 9 नवंबर | 12 नवंबर | 14 नवंबर | 28 नवंबर | 11 दिसंबर |
चुनावों पर इंडिया टीवी की विशाल कवरेज :
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018