बिलासपुर (छत्तीसगढ़): बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर पकड़ रहा है लेकिन इससे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को लाभ होने वाला नहीं है। मायावती ने कहा कि भाजपा, आरएसएस के लोग और उनकी सरकारें पूंजीवादी व्यवस्था की समर्थक हैं और हिंदुत्व की आड़ में विभिन्न हथकंडे इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ रहा है उसी तर्ज पर इनकी योजना पूरे देश में छोटे-छोटे मंदिर बनाने की है। लेकिन इससे उन्हें कोई लाभ होने वाला नहीं है। बसपा प्रमुख बिलासपुर में खेल परिसर में शनिवार को एक जनसभा को संबोधित कर रही थी।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बसपा के बीच हुए गठबंधन के तहत पहली संयुक्त चुनावी सभा में मायावती ने बहुचर्चित राफेल रक्षा सौदे के सम्बन्ध में कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों का दामन पाक साफ़ नहीं है। कांग्रेस के समय बोफोर्स रक्षा सौदे की तरह केंद्र की वर्तमान सरकार द्वारा किए गए राफेल रक्षा सौदे के सम्बन्ध में अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है। मायावती ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के साथ बसपा द्वारा गठबंधन नहीं करने के सम्बन्ध में कहा कि कांग्रेस की स्थिति “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” जैसी हो गई है। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भाजपा के दबाव और भय में आकर गठबंधन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह निराधार प्रचार है और इसे हमारी पार्टी के लोगों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
मायावती ने दोनों पार्टी के कार्यकताओं और मतदाताओं से अपेक्षा की कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि छत्तीसगढ़ में यह गठबंधन अकेले अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार बनी तब ही राज्य के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, किसानों तथा व्यापारियों का उत्थान संभव है। उन्होंने कहा कि अजीत जोगी के नेतृत्व में हमारे गठबंधन की सरकार बनने से राज्य के लोग स्वाभिमान की जिंदगी गुजार सकेंगे और राज्य में चल रही नक्सली गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि पिछले 15 सालों से छतीसगढ़ में एक ही पार्टी भाजपा का राज चल रहा है लेकिन आम आदमी का कोई विकास, उत्थान नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि यहां विकास का काम होगा लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व जितने भी वादे किए गए थे उसके एक चौथाई वादे भी पूरे नहीं किए गए। मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, नोटबंदी और जीएसटी पर कहा कि इससे महंगाई और बढ़ गई, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि केंद्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकना होगा। लेकिन इससे पहले यह जरूरी है कि राज्य में और खासकर छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को सत्ता से बाहर करना होगा।
मायावती ने भाजपा शासित राज्यों में ‘मॉब लिंचिंग’ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गौ रक्षा के नाम पर भीड़ तंत्र की घातक प्रवृत्ति का दौर चल पड़ा है। भीड़ का यह हमला लोकतंत्र को कलंकित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम और ईसाई समाज के लोगों के साथ पक्षपातपूर्ण और सौतेले रवैये का परिणाम है।
भाजपा की सरकारें गौरक्षा के नाम होने वाली इन हत्याओं को रोकने में पूरी तरह उदासीन और लापरवाह रही हैं। ऐसी ताकतों के सरकार में आने के बाद यह प्रवृत्ति खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होने है। पहले चरण में 12 नवंबर को 18 विधानसभा सीटों के लिए तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों के लिए मतदान होगा। वहीं 11 दिसंबर को मतों की गिनती होगी। राज्य में अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।